भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा कैबिनेट ने शुक्रवार को 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी। इनमें से एक प्रस्ताव का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या का समाधान करना है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक से मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीण ओडिशा में लो वोल्टेज की समस्या को हल करने के लिए 260 करोड़ रुपये के ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। प्रस्ताव के मुताबिक चार जगहों पर ग्रिड सबस्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अलावा, ओडिशा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए 1796 रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इसके साथ ही 99 सब स्टेशन लो वोल्टेज पॉकेट में बनाए जाएंगे जबकि 64 नंबर 33 केवी लाइन कनेक्शन बनाए जाएंगे। इसे आने वाले तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा।
कैबिनेट ने कालाहांडी जिले में संदुल नदी पर बनने वाली संदुल बैरेज परियोजना को भी मंजूरी दे दी है। यह बैरेज 126 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इस बैरेज के बन जाने के बाद इससे करीब 5 हजार हेक्टेयर खेतों की सिंचाई की जाएगी। यह प्रोजेक्ट आने वाले ढाई साल में पूरा हो जाएगा। कैबिनेट ने ओडिशा नगर निकाय अधिनियम 1950 और ओडिशा नगर निगम अधिनियम 2003 के संशोधन पर अपनी मुहर लगा दी है। भारतीय संविधान की धारा 243(टी) के मुताबिक नगर निकाय संस्थान विभिन्न वर्ग को संरक्षण प्रदान करती है।
ओडिशा नगर निकाय (म्युनिसिपल) अधिनियम 1950 एवं ओडिशा नगर निगम (म्युनिसिपल कार्पोरेशन) अधिनियम 2003 में मौजूद नियम के आधार पर पौर संस्थाओं में पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। इस संरक्षण में पहले की ही तरह अनुसूचित जाति (एससी) अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग को उनकी जनसंख्या के आधार पर मिल रहे संरक्षण को बरकरार रखा गया था। उपरोक्त तमाम आरक्षण के बावजूद इसे 50 प्रतिशत में सीमित रखा गया था।
वहीं दूसरी तरफ पिछली 17 तारीख को सुप्रीमकोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई कर देश के सालिसिटर जनरल को एक निर्देश दिया था। इस निर्देश के आधार पर सालिसिटर जनरल राज्यों के चुनाव आयोग को विकास कृष्णा राव गवाली मामले में तीन सदस्यीय खंडपीठ की राय का अनुपालन करने के लिए निर्देश दिया था। इसी राय के अनुसार कोई भी राज्य पिछले वर्ग के लिए आरक्षण आवंटन करने से पहले ट्रिपल टेस्ट व्यवस्था का अनुसरण करना अत्यावश्यक होने की बात कही थी। सुप्रीमकोर्ट के इस राय के अनुसार ओड़िशा के साथ कई राज्य में ट्रिपल टेस्ट नहीं हुआ है। इससे वर्तमान कानून के तहत पिछड़े वर्ग को पौर संस्था चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकेगा। ऐसे में पहले से ही पिछड़े वर्ग के लोगों को संरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने जो कानून बनाया था, उसमें संशोधन की आवश्यकता थी, जिसे राज्य सरकार ने कैबिनेट के जरिए किया है।
राज्य कैबिनेट में लिए गए 13 प्रस्ताव इस प्रकार हैं
1. ग्रामीण ओडिशा में लो वोल्टेज की समस्या को हल करने के लिए 260 करोड़ रुपये के ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट को मंजूरी।
2. कालाहांडी जिले के संदुल नदी पर बनने वाली संदुल बैरेज परियोजना को भी मंजूरी दे दी है। यह बैरेज 126 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।
3. ओडिशा नगर निकाय अधिनियम 1950 और ओडिशा नगर निगम अधिनियम 2003 के संशोधन पर कैबिनेट की मुहर
4. एससीबी मेडिकल कालेज तथा चिकित्सालय का पुर्नविकास एवं संप्रसारण के पहले चरण एवं दुसरी बार में कर्मचारी आवास गृह तथा छात्रावास व अन्य विकास कार्य के लिए 888 करोड़ 50 लाख 3 रुपये को कैबिनेट का अनुमोदन।
5 . वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ीकरण प्रोजेक्ट के चौथे चरण कार्य को मंजूरी।
6. बालेश्वर जिले के आनंदपुर बैरेज सालंदी नदी के बाएं पार्श्व पर मौजूद मुख्य कैनाल से जल सिंचाई व्यवस्था संबन्धित प्रस्ताव को मंजूरी।
7. रेंगाली जल सिंचाई के अधीन भूतल पाइप द्वारा जल सिंचाई निर्माण कार्य के लिए टेंडर को अनुमोदन।
8. ओएसजेएम एवं ओजेएस नियम 2007 को अधिक लाभान्वित बनाने को अनुमोदन।
9. आईओसीएल बिजली शुल्क माफ एवं ओड़िशा वैद्युतिकी यांत्रिक सेवा संवर्ग के पुनर्गठन को मंजूरी।
10. जिला न्यायाधीश एवं सिविल न्यायाधीश कैडर में न्यायिक अधिकारी की कानूनी एवं प्रशासनिक क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए ओड़िशा सुपिरियर जुडिसियल सर्विस एवं ओडिशा जुडिशियल सर्विस 2007 को संशोधित करने के लिए कैबिनेट में निर्णय लिया गया है।
11. ओड़िशा पशु चिकित्सा (नियुक्ति एवं सेवा) नियमावली 2021 को अनुमोदन।
12. आदिवासी प्रबल 17 जिला में गुणात्मक शिक्षा के लिए शिक्षा अधिन में 3328 बहुभाषी शिक्षक नियुक्ति शर्तावली में आवश्यक संशोधन।
13. हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा अधिवेशन संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की मुहर।