New wage code latest update: श्रम मंत्रालय की तरफ से नए वेज कोड (New Wages Code) नियम को लागू करने की तैयारी चल रही है. इससे नौकरीपेशा लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव देखने को मिल सकता है.
New wage code latest update: न्यू वेज कोड (New wage Code) को नए वित्त वर्ष (New Financial year) में लागू किया जा सकता है. अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन, ड्राफ्ट पर काम लगभग पूरा हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य के ड्राफ्ट इनपुट पर चर्चा की जा रही है. इसे लेकर श्रम मंत्रालय में फरवरी के मध्य में अहम बैठक भी होनी है. नए श्रम कानून (New wage Code) में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं. लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) की तरफ से जल्द ही इसको लेकर फाइनल ड्राफ्ट गाइनलाइन जारी की जा सकती है. नौकरीपेशा में इसे लेकर काफी कन्फ्यूजन है कि इससे नुकसान होगा. लेकिन, इसमें कई फायदे हैं.
New wage code or Labour reform में आखिर है क्या?
न्यू वेज कोड में सबसे ज्यादा चर्चा सैलरी को लेकर है. एक्ट के मुताबिक, किसी कर्मचारी का बेसिक सैलरी (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 फीसदी से कम नहीं हो सकती. अभी ज्यादातर कंपनियां बेसिक सैलरी को 30 फीसदी के आसपास रखती हैं. ऐसे में तमाम तरह के अलाउंस 70-75 फीसदी तक होते हैं. लेकिन, नए नियम में 50 फीसदी रखना होगा. बेसिक सैलरी का हिस्सा 50 फीसदी हो जाएगा और बाकी का 50 फीसदी तमाम तरह के अलाउंस होंगे. ऐसे में नया वेज कोड लागू होने के बाद के बाद इनहैंड सैलरी में 7-10 फीसदी की कमी आएगी. लेकिन, न्यू वेज कोड के फायदे भी मिलेंगे.
PF-Gratuity में बढ़ेगा योगदान
मूल वेतन (Basic Pay) बढ़ने से कर्मचारियों (Employees) का पीएफ (PF) ज्यादा कटेगा, उनकी टेक-होम सैलरी कम होगी, लेकिन भविष्य ज्यादा सुरक्षित होगा. इससे उनकी सेवानिवृत्ति (Retirement) पर ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि भविष्य निधि (PF) और मासिक ग्रेच्युटी (Monthly Gratuity) में उनका योगदान बढ़ जाएगा.
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न्यूज वेज कोड के benefits
1. नए वेज कोड के लागू होने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा. भविष्य के लिए ज्यादा रकम जमा होगी. इस रकम का इस्तेमाल आप कभी भी कर सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद अच्छी पेंशन मिलेगी और मोटा फंड तैयार होगा.
2. ग्रेच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ेगा. कर्मचारी को इमरजेंसी में पैसों की दिक्कत नहीं होगी. 1 महीने की ग्रेच्युटी भी मिल सकती है.
3. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा क्योंकि अभी तक बहुत-सी कंपनियों में ऐसे लोगों के वेतन के लिए कोई तय प्रारूप नहीं है.
4. नए वेज कोड से हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी.
5. नया नियम लागू होने से लोगों ज्यादा इन्वेस्टमेंट होगा और इन्वेस्टमेंट साइकिल को बूस्ट मिलेगा. टैक्स सेविंग्स भी ज्यादा होगी. हालांकि, इसकी लिमिट फिलहाल ढ़ाई लाख रुपए रहेगी.
EPF, छुट्टियों की लिमिट बढ़ सकती है
सालाना छुट्टियों को लेकर यूनियन की डिमांड है. अर्जित अवकाश (Earned leave) की सीमा को 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन की जा सकती है. बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन सेक्टर, बीड़ी वर्कर्स, पत्रकारों और सिनेमा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी अलग नियम बनाए हो सकते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPF) की एलिजिबिलिटी 15,000 रुपए मासिक वेतन से बढ़ाकर 21000 रुपए की जा सकती है.
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क्या है नया वेज कोड?
केंद्र सरकार ने 29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड (New wage Code) बनाए हैं. इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH), सोशल सिक्योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज शामिल हैं. लेबर कोड्स में कुछ नए कॉन्सेप्ट लाए गए हैं. लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव ‘वेज’ की परिभाषा (Wage defination) के विस्तार का है. नए लेबर कोड का मकसद कंसोलिडेशन पर है. सैलरी का 50 फीसदी सीधे तौर पर वेजेज में शामिल होगा.