LIC’s Bhagya Lakshmi Plan: एलआईसी की ये योजना उन लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है, जो फाइनेंशियली कमजोर होते हैं. ये स्कीम कम Bima राशि वाली है, जिसमें कोई GST लागू नहीं है.
LIC’s Bhagya Lakshmi Plan: LIC की सबसे छोटी योजना का नाम भाग्य लक्ष्मी योजना (Bhagya Lakshmi Plan) है. ये योजना उन लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है, जो फाइनेंशियली कमजोर होते हैं. भाग्य लक्ष्मी प्लान को खासतौर पर कम कमाने वाले (Low Income Group) लोगों के लिए पेश किया गया है. ये स्कीम कम Bima राशि वाली है, जिसमें कोई GST लागू नहीं है. आइए जानते हैं इस स्कीम से जुड़े फायदे के बारे में.
बता दें अगर किसी को ये पॉलिसी (Policy) लेनी है, तो उसे किसी प्रकार का मेडिकल टेस्ट कराना होगा. ये प्लान ‘रिटर्न प्रीमियम (Return Premium) के साथ टर्म प्लान’ (Term Plan) का भी है, इसका मतलब प्लान के दौरान जो भी प्रीमियम चुकाया जाता है, उसका 110 परसेंट मैच्योरिटी के समय पर वापस मिलता है. ये कुछ टाइम पीरियड की प्रीमियम योजना है, जिसमें पॉलिसी के टाइम पीरियड से कम समय के लिए प्रीमियम की पेमेंट करनी होती है.
योजना का फायदा उठाने की ऐज लिमिट
इस योजना को लेने के लिए व्यक्ति की ऐज कम से कम 19 साल तो होनी ही चाहिए और ज्यादा से ज्यादा 55 साल. Premium Paying Term यानी जितने सालों के लिए प्रीमियम की पेमेंट की जानी है, वो कम से कम 5 साल और ज्यादा से ज्यादा 13 साल है. Jeevan Bima की सुविधा जितने सालों के लिए प्रीमियम पेमेंट का समय होता है, उससे 2 साल से ज्यादा के लिए उपलब्ध है.
मैच्योरिटी पर मिलेगा इतना फायदा
इस पॉलिसी में मिनिमम सम एश्योर्ड (Minimum Sum Assured) 20,000 रुपये और अधिकतम सम एश्योर्ड (Maximum Sum Assured) 50,000 रुपये है. आप प्रीमियम की पेमेंट करने के लिए एनुअल, हाफ ईयर्ली, क्वाटर्ली और मंथली पीरियस में से चुन सकते हैं. डिपॉजिटर को मैच्योरिटी के फायदे के रूप में पर्याप्त अमाउंट मिलती है. Premium Term के दौरान पेमेंट की गई अमाउंट का 110 परसेंट मैच्योरिटी पर वापस किया जाता है. अगर डिपॉजिटर पॉलिसी लेने के 1 साल के अंदर Suicide कर लेता है, तो उसे कवरेज का फायदा नहीं मिलेगा. वहीं, अगर suicide की घटना 1 साल बाद होती है तो भाग्य लक्ष्मी पॉलिसी (Bhagya Lakshmi Plan) के तहत कवरेज का फायदा दिया जाता है.
एलआईसी Bhagya Lakshmi Plan के तहत डिपॉजिटर को लोन लेने की सुविधा नहीं मिलती है. पॉलिसी को सरेंडर करने की सुविधा दी गई है. अगर डिपॉजिटर पॉलिसी सरेंडर करता है तो उसे जमा किए गए पैसे का 30-90% दिया जाएगा. पॉलिसी जितनी लंबी चलेगी, उसकी सरेंडर वैल्यू उतनी ही ज्यादा होगी.