छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जारी धान खरीदी की तिथि में बदलाव किया गया है। खरीदी के लिए एक सप्ताह का समय बढ़ा दिया गया है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। पिछले दिनों से मौसम में आए बदलाव, बारिश और ओले गिरने की वजह से धान खरीदी प्रभावित हुई है। बारिश की वजह से कई किसान धान नहीं बेच पाए हैं। सीएम की इस घोषणा के बाद प्रदेश के लाखों किसानों को बड़ी राहत मिली है। सीएम ने शनिवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में खाद्य विभाग के कार्यों और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की समीक्षा भी की।
बता दें कि सीएम बघेल पिछले दिनों संकेत दिए थे कि राज्य में सभी पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की जाएगी। उन्होंने कहा था कि राज्य में धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी है। सरकार की यह कोशिश होगी की इस अवधि में शत-प्रतिशत किसानों से उनके पंजीकृत रकबे के धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर पूरी कर ली जाए। सीएम भूपेश ने कहा था कि आवश्यकता पड़ने पर धान खरीदी की तय तिथि को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। सीएम ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही अफसरों को खरीदी संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।
प्रदेश में 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी
राज्य में 1 दिसंबर 2021 से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रारंभ हुई है। खरीदी की आखिरी तारीख 31 जनवरी निर्धारित किया गया था। राज्य सरकार ने इस सीजन में 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। प्रदेशभर में धान खरीदी व्यवस्थित तरीके से चल रही थी कि बीच दिसंबर के आखिरी और जनवरी के पहले से दूसरे सप्ताह के बीच कई जिलों में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से धान खरीदी बुरी तरह से प्रभावित हुई थी।
17.60 लाख किसानों ने समितियों में बेचा धान
बारिश से किसानों को धान बेचने में परेशानी के साथ केंद्रों में पानी भरने से खरीदी प्रभावित हुई है। प्रदेश में लगभग 17.60 लाख किसानों से अब तक लगभग 72 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में किसानों को 13,550 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है। वहीं कस्टम मिलिंग के लिए डीओ और टीओ के माध्यम से अब तक 38 मीट्रिक टन धान का उठाव चुका हो चुका है।