सरकार ने बजट 2020 में Income Tax के दो स्लैब पेश किए थे. नए स्लैब के तहत Tax Rate में तो कटौती कर दी गई थी, लेकिन सभी तरह की छूट को खत्म कर दिया था. यही कारण है कि 2021-22 में रिटर्न भरने वाले महज 29 लाख लोगों ने नया Income Tax स्लैब अपनाया है.
नई दिल्ली. दो साल पहले पेश बजट में सरकार ने आयकर (Income Tax) इतिहास में पहली बार दो स्लैब की व्यवस्था बनाई थी. सरकार को उम्मीद थी कि यह Taxpayers को लुभाने में कामयाब रहेगी, लेकिन नए Slab से महज 5 फीसदी करदाता ही जुड़े. इसे देखते हुए सरकार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में नए Income Tax Slab को और आकर्षक बना सकती है.
Tax पोर्टल Clear के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि वित्त मंत्रालय ने नए Income Tax Slab को लेकर काफी मंथन किया और इसकी असफलता के कारणों को जाना. समीक्षा में पता चला है कि दो Tax Regimes को लेकर लोगों में कंफ्यूजन पैदा हो गई है. एसेसमेंट ईयर 2021-22 में 5.89 करोड़ करदाताओं ने रिटर्न भरा है, जिसमें से महज 5 फीसदी यानी 29.4 लाख लोगों ने नया स्लैब अपनाया है.
क्यों फेल हो रहा नया टैक्स सिस्टम
नई Income Tax व्यवस्था से कॉरपोरेट करदाता तो काफी खुश नजर आए लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं ने इससे दूरी बना ली. वित्त मंत्रालय ने पाया कि नई व्यवस्था में टैक्स छूट के विकल्पों को खत्म किए जाने के बाद यह ज्यादा आकर्षक नहीं रहा. साथ ही इससे लोगों की सेविंग पर भी असर पड़ा, क्योंकि अधिकतर लोग टैक्स बचाने के लिए ही सेविंग करने पर जोर देते हैं. नई Income Tax व्यवस्था में सेविंग पर टैक्स छूट पूरी तरह खत्म हो गई थी.
मिल सकती है कई तरह की छूट
वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman इस बार के बजट में Income Tax की नई व्यवस्था के तहत भी कई तरह की छूट का ऐलान कर सकती हैं. अर्चित गुप्ता का कहना है कि कुछ शर्तों के साथ होम लोन पर टैक्स छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) पर मिल रही छूट को Income Tax के नए स्लैब में भी शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा highest tax slab की लिमिट को भी मौजूदा 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जा सकता है.
क्या हैं नए Income Tax Slab के रेट
Income Tax के नए स्लैब में 2.5 लाख की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगता. 2.5 लाख से 5 लाख तक आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है. 5 से 7.5 लाख तक 10 फीसदी और 7.5 लाख से 10 लाख तक 15 फीसदी Income Tax देना पड़ता है. इसके अलावा 10 लाख से 12.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से Income Tax चुकाना पड़ता है.