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RBI Scheme: आरबीआई की सुपरहिट RDG स्कीम में खुलवाएं खाता, सुरक्षा के साथ मिल रहा शानदार रिटर्न

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RBI RDG Scheme: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने ‘आरबीआई रिटेल डायरेक्ट’ (RBI Retail Direct) योजना का ऐलान किया है. इस प्लान का उद्देश्य गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की पहुंच में सुधार लाना है.

नई दिल्‍ली: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) आपके लिए बेहतरीन ऑफर लाया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ‘आरबीआई रिटेल डायरेक्ट’ (RBI Retail Direct) स्कीम चला रहा है. इस योजना के जरिए निवेशकों को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में एक ही स्थान पर निवेश की सुविधा मिल रही है. यानी अब आपको सुरक्षित पैसे के साथ अच्छा मुनाफा भी मिलने वाला है. सबसे खास बात कि RBI के इस प्लान में खाता खोलने और उसके प्रबंधन पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. आइये जानते हैं इस योजना के बारे में.

‘द आरबीआई रिटेल डायरेक्ट’ सुविधा

इस अकाउंट को ओपन करने के लिए आपको कहीं जाने की जरुरत नहीं है . इसे आप ऑनलाइन ही ओपन करा सकते हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा कि रिटेल निवेशक रिजर्व बैंक के पास रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता (RDG Account) खोल सकते हैं. गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में रिटेल पार्टनरशिप बढ़ाने के लिए सरकार ने ‘द आरबीआई रिटेल डायरेक्ट सुविधा’ का भी ऐलान किया था. इसके भुगतान गेटवे के लिए रजिस्टर्ड निवेशकों को चार्ज देना पड़ेगा.

गवर्नमेंट सिक्योरिटीज

गौरतलब है कि इस प्लान का उद्देश्य गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की पहुंच में सुधार लाना है. साथ ही रिटेल निवेशकों की ऑनलाइन पहुंच का भी विस्तार किया जाएगा. इसमें प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों ही बाजार शामिल हैं. आरबीआई के अनुसार, इस स्कीम के तहत सिंगल और ज्वाइंट खाता खोला जा सकता है. आप किसी अन्य खुदरा निवेशक के साथ अपना खाता खोल सकते हैं, लेकिन आपको इसके लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करना पड़ेगा.

जरूरी डाक्यूमेंट्स 

जरूरी दस्तावेजों की बात करें तो रिटेल निवेशकों को भारत में बचत बैंक खाता, स्थायी खाता संख्या (PAN) या केवाईसी (KYC) उद्देश्यों के लिए किसी भी आधिकारिक रूप से वैलिड डॉक्युमेंट, रिटेल डायरेक्ट प्लान के तहत रजिस्ट्रेशन करने और आरडीजी खाता बनाए रखने के लिए एक वैलिड ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर की जरूरत होती है.

ऑनलाइन पोर्टल

RBI के इस स्कीम के तहत ऑनलाइल पोर्टल रजिस्टर्ड यूजर को सरकारी प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गम के अलावा एनडीएस-ओएम तक पहुंच उपलब्ध कराएगा. एनडीएस-ओएम यानि सेकंडरी बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार के लिए आरबीआई की स्क्रीन आधारित इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर के मिलान की प्रणाली से है.

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