Bharatpur News: बेटे ने 3 महीने पहले खुदकुशी (Suicide) कर ली थी. मां जब उसके कमरे की सफाई कर रही थी तो उसे अपने बेटे की किताबों में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने पूरी बात लिखी थी.
Rajasthan Government employee Suicide Case: भरतपुर (Bharatpur) शहर में विजय नगर के रहने वाले एक सरकारी कर्मचारी (Government Employee) ने करीब 3 महीने पहले ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या (Suicide) कर ली थी. सरकारी कर्मचारी की आत्महत्या के बाद जब उसकी मां उसके कमरे की सफाई कर रही थी तो उसे अपने बेटे की किताबों में एक सुसाइड नोट (Suicide Note) मिला, जिसमें उसने आत्महत्या का जिम्मेदार स्कूल के प्रिंसिपल को बताया है. मृतक स्कूल में क्लर्क के पद पर तैनात था.
पिता की जगह मिली थी नौकरी
राजेश के पिता का नाम विजय कुमार था. वो शिक्षा विभाग में LDC के पद पर तैनात थे. राजेश के पिता की मौत हो गई थी. राजेश को साल 2014 में पिता की नौकरी मिल गई. राजेश की पहली पोस्टिंग उच्चैन थाना इलाके में जैचोली गांव के माध्यमिक विद्यालय में हुई. कुछ साल तो राजेश ने सही से नौकरी की लेकिन करीब 2 साल पहले स्कूल में राजेश कुमार मीणा नाम के प्रिंसिपल का ट्रांसफर जैचोली गांव के माध्यमिक विद्यालय में हुआ, जो राजेश को परेशान करता था. राजेश ने अपनी मां को भी इस बारे में जानकारी दी थी.
मां को बताई थी ये बात
राजेश की मां लज्जा देवी ने बताया कि वो उनसे अक्सर कहता था की उनका प्रिंसिपल राजेश कुमार मीणा उन्हें बेवजह परेशान करता है. राजेश ने अपनी मां को बताया था की अगर वो रोजाना स्कूल जाता है, लेकिन प्रिंसिपल किसी ना किसी वजह से उसे परेशान करता है. प्रिंसिपल बिना वजह उसे मानसिक तनाव देता है, उसके परेशान करने की वजह से कई बार स्कूल भी नहीं जा पाता हूं.
प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज करवाया मामला
राजेश मां लज्जा देवी 19 जनवरी को मकान की सफाई कर रही थी. इसी दौरान राजेश के कमरे की सफाई करते हुए उन्हें किताबों में एक कागज मिला. लज्जा देवी ने घर की बच्ची से उस कागज को पढ़वाया तो पता लगा वो राजेश का सुसाइड नोट है. जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार अपने स्कूल के प्रिंसिपल को ठहराया है. सुसाइड नोट मिलने के बाद लज्जा देवी ने उद्योग नगर थाने में प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
सुसाइड नोट में लिखी ये बात
सुसाइड नोट लिखा था कि ”मैं काफी मानसिक तनाव में हूं, जिसकी वजह से आत्महत्या करने जा रहा हूं. स्कूल के प्रिंसिपल राजेश कुमार मीणा की वजह से मैं आत्महत्या करने को मजबूर हो चुका हूं. प्रिंसिपल बिना वजह मुझे परेशान करता है. पहले तो बोलता है कि रोजाना स्कूल आया करो जब रोजाना स्कूल जाता हूं तो किसी ना किसी कारण से वो परेशान करने लगता है, जिसकी वजह से मैं स्कूल कम जाता हूं. फिर वो बोलता है कि स्कूल नहीं आता. वो बिना वजह मुझे मानसिक तनाव देता है. इसके बारे में पूरे स्कूल में पूछा जा सकता है. प्रिंसिपल ने मुझे कई महीनों से सैलरी नहीं उठाने दी. प्रिंसिपल स्टाफ में सभी को परेशान करता है. मेरी मौत का सबसे ज्यादा जिम्मेदार प्रिंसिपल राजेश कुमार मीणा है.’