भारत में एक साल में करीब 200-300 व्यावसायिक पायलटों की मौजूदा उपलब्धता की तुलना में सालाना 1000 पायलटों की जरूरत है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा ‘‘हां। अनुमान है कि भारत में हर वर्ष करीब 1000 नये व्यावसायिक पायलटों की जरूरत हो सकती है
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नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने गुरुवार को कहा कि अनुमान है कि देश में हर साल करीब 1,000 नये व्यावसायिक पायलटों की जरूरत हो सकती है। नागर विमानन राज्य मंत्री वी के सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2021 में देश में भारतीय और विदेशी उड़ान प्रशिक्षण संस्थानों (एफटीओ) से कुल 862 व्यावसायिक पायलट लाइसेंस (सीएलपी) जारी किये गये थे। उन्होंने कहा कि 2020 में जारी सीएलपी की संख्या 578 और 2019 में 744 थी।
प्रश्न पूछा गया था कि क्या यह सही है कि भारत में एक साल में करीब 200-300 व्यावसायिक पायलटों की मौजूदा उपलब्धता की तुलना में सालाना 1,000 पायलटों की जरूरत है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ‘‘हां। अनुमान है कि भारत में हर वर्ष करीब 1,000 नये व्यावसायिक पायलटों की जरूरत हो सकती है।’’
इस समय देश में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा स्वीकृत 34 एफटीओ हैं। इनके अलावा छह स्वीकृत प्रशिक्षण संस्थान (एटीओ) हैं जो सीपीएल धारकों को एयरक्राफ्ट टाइप प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि अप्रैल-सितंबर 2021 के दौरान भारतीय विमानन कंपनियों का राजस्व बढ़कर 20,690 करोड़ रुपये हो गया जो इससे पिछले साल में इसी अवधि में 11,810 करोड़ रुपये था।