दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शुक्रवार देर रात स्कूल-कॉलेजों को खोलने संबंधी विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए। इस आदेश में स्पष्ट कहा है कि स्कूल प्रबंधन को छात्रों को बुलाने से पहले अभिभावकों से सहमति लेनी होगी। अभिभावकों से यह पूछा जाएगा कि क्या वे बच्चे को स्कूल भेजने व स्कूल में होने वाली गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति देंगे। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छात्र कोविड नियमों का पालन करें और किसी से किताब, कॉपी, टिफिन आदि साझा नहीं करें। यदि घर में कोई कोविड पॉजिटिव पाया जाता है तो छात्र को स्कूल नहीं भेजेंगे। प्राधिकरण ने स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर भी बनाने का निर्देश दिया है।
50 फीसद संख्या का सुझाव
डीडीएमए ने निर्देश में स्कूल या संस्थान के प्रमुख को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी योग्य शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के साथ-साथ स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षिक कोचिंग संस्थानों पुस्तकालयों आदि के सहायक कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया है कि नहीं। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाना चाहिए। डीडीएमए का कहना है कि यह सलाह दी जाती है कि उचित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए छात्रों के बैठने की क्षमता सीमा के आधार पर प्रति कक्षा लगभग 50 फीसद छात्रों को बुलाया जाए।
इसके अलावा स्कूल या कॉलेज में प्रवेश और निकासी के समय में कम से कम एक घंटा का अंतर हो ताकि भीड़ न लगे। छात्रों की भीड़ से बचने के लिए लंच ब्रेक को भी अलग-अलग रखा जा सकता है और या इसे एक खुले क्षेत्र में आयोजित किया जा सकता है। जिन छात्रों का घर कंटेनमेंट जोन के आसपास है, उनको स्कूल न आने का सुझाव है।
शिक्षण संस्थानों को इन बिंदुओं का रखना होगा ध्यान
– स्कूल या संस्थान परिसर को पूरी तरह से सेनेटाइज किया गया है? क्या थर्मल स्कैनर, कीटाणुनाशक, सेनिटाइजर, साबुन जैसी प्रमुख सामग्री उपलब्ध है।
– स्कूल या संस्थान में मास्क आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं?
– स्कूल या संस्थान में सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ-साथ सभी सपोर्ट स्टाफ का टीकाकरण किया गया है या नहीं?
– छात्रों के लिए स्कूल या संस्थान खोलने से पहले क्या एसएमसी पीटीए की स्कूल खोलने से संबंधित बैठक हुई थी?
– क्या फिर से खुलने के बाद स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए टाइम टेबल क्या है इसकी योजना बनाई गई है?
– क्या स्कूल या संस्थान का समय और छात्रों के लिए लंच ब्रेक डीडीएमए द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार अलग-अलग कर दिया गया है या नहीं?
– क्या छात्रों को लंच, किताबें, कॉपी और स्टेशनरी आइटम साझा नहीं करने के बारे में जागरूक किया जाता है?
– क्या कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र, शिक्षक और अन्य कर्मचारी को स्कूल या कॉलेज में आने का निर्देश नहीं देना है।
– क्या टीकाकरण स्थल या राशन वितरण के लिए उपयोग किए जा रहे स्कूल या संस्थान भवन का क्षेत्र या हिस्सा उचित रूप से अलग या सीमांकित किया गया है? शैक्षणिक गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाने वाले स्कूल भवन का क्षेत्र या भाग और इस उद्देश्य के लिए अलग प्रवेश या निकास बनाया गया है?
– क्या परामर्श या मार्गदर्शन कार्यक्रम के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं?
-क्या एसओपी में दिए गए स्वास्थ्य और सुरक्षा दिशानिर्देशों के संबंध में सभी प्रारंभिक कदम उठाए गए हैं?
– क्या माता-पिता की सहमति फॉर्म उन सभी छात्रों से प्राप्त किया गया है जो स्कूल या संस्थान को फिर से खोलने के बाद उपस्थित होंगे?
– क्या विद्यालय या संस्थान में क्वारंटाइन कक्ष निर्धारित किया गया है?
– क्या फेस मास्क या फिजिकल डिस्टेंसिंग या कैंपस से संबंधित जानकारी छात्रों को दी गई और कैंपस में उनके जानकारों के आने वालों को सभी जानकारी दी गई है।
– छात्रों से कोविड-19 की जागरूकता के बारे में जानकारी है कि नहीं और उनको कोविड प्रोटोकॉल के तहत व्यवहार के लिए एक शपथपत्र लिया गया है कि नहीं?
ये लक्षण हैं तो नहीं मिलेगा प्रवेश
प्राधिकरण ने स्कूल कॉलेज के शिक्षक, छात्र, कर्मचारी आदि को यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि किसी को बुखार खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, शरीर में दर्द, सिर में दर्द, स्वाद और सुगंध का जाना, नाक का बहना, उल्टी या डायरिया होने या इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो इस बारे में स्कूल प्रमुख को जानकारी देनी होगी पहले क्वारंटीन रूम में ले जाया जाएगा और उसकी देख रेख होगी और कोविड की जांच की जाएगी।