नए नियमों के तहत कंपनी की किसी भी तरह की प्रतिभूति की खरीद को लेकर आवेदन फॉर्म के साथ विवरण पुस्तिका या पेशकश दस्तावेज की महत्वपूर्ण बातों का सारांश (एब्रिज्ड प्रोस्पेक्टस) उपलब्ध कराने की जरूरत होती है ।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क । बाजार नियामक सेबी ने चीजें सरल बनाने के इरादे से विवरण पुस्तिका की महत्वपूर्ण बातों को एक जगह संक्षिप्त जानकारी के रूप में देने को लेकर नया प्रारूप जारी किया है। इसके तहत पेशकश दस्तावेज के पहले पन्ने पर महत्वपूर्ण सूचनाएं देनी होंगी। नियमों के तहत कंपनी की किसी भी तरह की प्रतिभूति की खरीद को लेकर आवेदन फॉर्म के साथ विवरण पुस्तिका या पेशकश दस्तावेज की महत्वपूर्ण बातों का सारांश (एब्रिज्ड प्रोस्पेक्टस) उपलब्ध कराने की जरूरत होती है।
जानकारी साझा करनी होगी
सेबी ने परिपत्र में कहा कि खुलासा जरूरतों की समीक्षा के बाद यह महसूस किया गया है कि चूंकि कई प्रकार की जानकारियां साझा करने की जरूरत होती है, ऐसे में पहले पन्ने पर बहुत सारी सूचनाएं होती हैं। इससे चीजें बहुत साफ नहीं होती।
बिक्री पेशकश के बारे में पूरी जानकारी देने की जरूरत होगी
संशोधित प्रारूप के तहत कंपनी को प्रवर्तक, सार्वजनिक पेशकश की जानकारी….निर्गम के प्रकार, नये निर्गम तथा बिक्री पेशकश (ओएफएस), कुल निर्गम आकार… और विभिन्न श्रेणियों में शेयरों के आरक्षण की जानकारी विवरण पुस्तिका के पहले पृष्ठ पर ही देनी होगी। साथ ही कंपनी को प्रवर्तक, प्रवर्तक समूह और अन्य शेयरधारकों की बिक्री पेशकश के बारे में पूरी जानकारी देने की जरूरत होगी।
न्यूनतम बोली के बारे में जानकारी देनी होगी
संक्षिप्त जानकारी वाली पुस्तिका में पेशकश की सारी विशेषताएं लिखी होती हैं। कंपनी को कीमत दायरे और न्यूनतम बोली के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही निर्गम जारी करने वाली कंपनी को निर्गम खुलने और बंद होने की समयसीमा, पैसा वापसी की समयसीमा, डीमैट में जारी होने वाले शेयर और कारोबार शुरू होने की तारीख समेत सभी जरूरी जानकारी एक जगह उपलब्ध कराने की जरूरत होगी। यह नया प्रारूप सेबी के विभिन्न दस्तावेजों में खुलासा व्यवस्था को और सरल बनाने की दिशा में एक कदम है।