Tax Benefits on Health Insurance: अगर आपने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा का पूरा इस्तेमाल कर लिया है तो सेक्शन 80डी के तहत भी टैक्स बेनेफिट्स ले सकते हैं.
Tax Benefits Beyond Section 80 C : चालू वित्त वर्ष 2021-22 में टैक्स बचाने के लिए आपके पास 31 मार्च 2022 तक का मौका है. टैक्स बचाने के लिए अगर आपने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा का पूरा इस्तेमाल कर लिया है तब भी आपके पास कानूनी तरीके से और टैक्स बचाने का उपाय बचा हुआ है. 80C की लिमिच खत्म होने के बावजूद आप सेक्शन 80डी के तहत और टैक्स बेनेफिट्स ले सकते हैं. इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर अतिरिक्त टैक्स बेनेफिट मिलता है. इस सेक्शन के प्रावधानों के जरिए आप अपने और अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर काफी टैक्स बचा सकते हैं.
अधिकतम 1 लाख रुपये तक बचा सकते हैं टैक्स
रहेजा क्यूबीई जनरल इंश्योरेंस कंपनी के एमडी और सीईओ पंकज अरोड़ा का कहना है कि 60 साल से कम उम्र के लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 25 हजार रुपये तक का टैक्स बेनेफिट्स मिलता है. 60 साल या इससे अधिक की उम्र के लोगों के लिए यह सीमा 50 हजार रुपये है. इसका मतलब हुआ कि अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है और अपने लिए व अपने 60 वर्ष से अधिक की उम्र के माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं तो आप इनके प्रीमियम पर 75 हजार रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं. वहीं अगर टैक्सपेयर्स की उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो वे खुद व अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 1 लाख रुपये तक का टैक्स बेनेफिट हासिल कर सकते हैं.
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इन सभी हेल्थ कवर प्लान पर पा सकते हैं बेनेफिट्स
सेक्शन 80डी के तहत इंडिविजुअल प्लान्स या मेडिक्लेम, फैमिली फ्लोटर प्लान, क्रिटिकल इलनेस प्लान्स, लाइफ इंश्योरेंस प्लान के हेल्थ राइडर्स और हेल्थ इंश्योरेंस के अन्य वैरिएंट्स जैसे हेल्थ कवर प्लान्स पर टैक्स बेनेफिट्स हासिल कर सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिर्फ टैक्स बेनेफिट के चलते ही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान नहीं खरीदना चाहिए बल्कि इन पॉलिसी का फायदा इससे भी बड़ा है. हेल्थ एक्सपेंसेज दिनोदिन बढ़ता जा रहा है, अस्पताल में भर्ती होना वित्तीय तौर पर बहुत महंगा साबित हो सकता है तो ऐसे में जरूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए इसके लिए पर्याप्त कवरेज हासिल किया जाए. इससे ऐसे नाजुक मौकों पर मौजूदा सेविंग्स खत्म नहीं होगी और दोस्तों-रिश्तेदारों से कर्ज भी नहीं लेना पड़ेगा. अरोड़ा का कहना है कि पूरे परिवार के लिए पर्याप्त हेल्थ कवरेज जरूर लेना चाहिए.