रूस यूक्रेन युद्ध के बाद अब ट्विटर युद्ध भी शुरू हो गया है। रूस द्वारा माइक्रोब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर की वेबसाइट को प्रतिबंधित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर गलत सूचनाओं को रोकने के लिए ट्विटर ने एक बड़ा कदम उठाया है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। ट्वीटर ने शनिवार को उपयोगकर्ताओं को गलत सूचना से बचाने के लिए रूस और यूक्रेन में विज्ञापनों और सिफारिशों को रोकने की घोषणा की है। वहीं, दूसरी ओर रूस द्वारा ट्विटर की वेबसाइट को प्रतिबंधित किया जा रहा है। ट्वीटर ने कहा कि वह प्लेटफॉर्म हेरफेर का पता लगाने के लिए ट्वीट्स की लगातार समीक्षा कर रहा है और सिंथेटिक और हेरफेर किए गए मीडिया के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई कर रही है।
We’re aware that Twitter is being restricted for some people in Russia and are working to keep our service safe and accessible.
आपको बता दें कि माइक्रोब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर ने शनिवार (स्थानीय समयानुसार) बताया कि रूस में इसकी वेबसाइट को प्रतिबंधित किया जा रहा है। इस बाबात ट्वीट कर ट्विटर ने जानकारी दी। इससे पहले फेसबुक ने रूसी मीडिया को यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई वाले एड दिखाने को लेकर बैन कर दिया था।
कंपनी ने एक ट्वीट में पोस्ट किया कि हम महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुरक्षा जानकारी सुनिश्चित करने के लिए यूक्रेन और रूस में विज्ञापनों को अस्थायी रूप से रोक रहे हैं और विज्ञापन इससे अलग नहीं होते हैं। यूक्रेन और रूस में ट्विटर का उपयोग करने वाले लोगों के लिए हमने अपमानजनक सामग्री के प्रसार को कम करने के लिए होम टाइमलाइन पर उन लोगों की कुछ ट्वीट सिफारिशों को भी रोक दिया है।
ट्विटर ने कहा कि झूठी और भ्रामक जानकारी को बढ़ाने के प्रयासों की पहचान की जा रही है। प्लेटफॉर्म की सुरक्षा और अखंडता को लागू करते हुए लोगों की सेवा और उनके द्वारा संचालित समुदायों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना जारी रखेंगे।
रूस-यूक्रेन की जानकारी साझा करने वाले कई शोधकर्ताओं ने अपने ट्विटर एकाउंट को ‘अप्रत्याशित रूप से’ निलंबित पाया। ट्विटर के साइट इंटीग्रिटी के प्रमुख योएल रोथ ने एक ट्वीट में कहा कि कंपनी की मानव मॉडरेशन टीम ने गलती की है। उन्होंने पोस्ट किया कि हमारे काम के हिस्से के रूप में हेरफेर करने वाले मीडिया को सक्रिय रूप से संबोधित करने के लिए मानवीय त्रुटियों की एक छोटी संख्या के परिणामस्वरूप यह गलत प्रवर्तन हुए। हम इस मुद्दे को ठीक कर रहे हैं और सीधे प्रभावित लोगों तक पहुंच रहे हैं।