Cyber Fraud: 26 मार्च 2022 को अचानक मेरे फोन पर एक एसएमएस आया. जिसमें लिखा था कि एसबीआई यूजर, आज आपका बैंक खाता ब्लाक कर दिया जाएगा. अपना पैन कार्ड और केवाईसी अपडेट कर लें. अपना अकाउंट लॉगिन नेटबैकिंग केवाईसी अपसोड करने के लिए इस (URL) पर क्लिक करें http://sbi3.herokuapp.com. दिल्ली के मंयक सिंह( बदला हुआ नाम) ने ये बात बताई. इस मैसेज को देखने को बाद मंयक ने जिन फोन नंबर से मैसेज आया था उसपर कॉल किया तो घंटी जा रही थी पर किसी ने फोन नहीं उठाया. मंयक ने ध्यान से यूआरएल पढ़ा तो उसे लगा कि दाल में कुछ काला है. क्योंकि उसने पहले ही केवाईसी करा रखा था. दरअसल जालसाज मंयक से साथ ऑनलाइन ठगी करने की कोशिश कर रहा था. जो यूआरएल मंयक को भेजा गया वो देखने से ही फर्जी लग रहा था.
इसी प्रकार का एसएमएस अरविंद कुमार ( बदला हुआ नाम) के पास भी आया. एसएमएस में लिखा था कि प्रिय कस्टमर, आपका आईसीआईसीआई बैंक खाते के केवाईसी को सस्पेंड कर दिया गया है. इस यूआरएल पर क्लिक करें https://is.gd/BkDJ7H.ICICI.LOGIN और केवाईसी अपडेट करें और आईसीआईसीआई बैंक खाते को एक्टिवेट करें. इस मैसेज में साफ देख सकते हैं आईसीआईसीआई बैंक का ये यूआरएल फर्जी है.
फर्जी सिम कार्ड से बैंक फ्रॉड
देश में आम लोग लगातार इस प्रकार के मैसेज द्वारा सायबर ठगी के शिकार हो रहे हैं. साइबर जानकार बताते हैं कि बेहद संगठित तरीके से इस प्रकार के सायबर फ्रॉड किए जाते हैं. साइबर फ्रॉड करने वाले फ्रॉड को अंजाम देने के बाद फौरन सिम कार्ड बदल देते हैं. इसी हफ्ते मध्य प्रदेश सायबर पुलिस के निर्देश पर टेलीकॉम सेवा देने वाली कंपनी वोडाफोन आइडिया ने 8,000 Sim cards ब्लॉक किए जो गलत पहचान पत्र के आधार पर जारी किए गए थे. इन वायबर ठग को किसी और व्यक्ति के नाम पर सिम कार्ड जारी किया गया था.
बीते साल ओडिशा में 16000 प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड जब्त किये, जबकि लोगों को पता ही नहीं था कि उनके नाम पर सिम कार्ड जारी किए गए हैं. दूसरे देशों में सिम कार्ड लेना और बैंक अकाउंट खोलना एक चैलेंज है. गांवों में सब्सिडी मिलने के नाम लोग अपना आधार सायबर ठग के गिरोह को दे देते हैं. फिंगरप्रिंट से इन्हीं लोगों के नाम सिम कार्ड जारी हो जाता है और अकाउंट खुल जाता है और उनको पता ही नहीं होता. सायबर फ्रॉड करने के लिए ठग को सिम कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर की जरुरत होती है. ये दोनों बगैर केवाईसी के नहीं होता है. इंवेस्टीगेशन में पता लगता है सिम कार्ड ये दोनों किसी और के नाम पर है.
फर्जी फोन कॉल से ठगी बढ़ा
ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 51 फीसदी फ्रॉड पॉप अप एड या विंडो के जरिए हुए हैं. 42 फीसदी भारतीय अवांछित ईमेल, 48 फीसदी रिडायरेक्ट वेबसाइट के जरिए हैकर्स के झांसे में फंस गए. 31 फीसदी लोग अवांछित कॉल के जरिए फर्जीवाड़े के शिकार हो रहे हैं. पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करने पर पता चलता है कि सबसे ज्यादा इजाफा अवांछित कॉल के जरिए धोखाधड़ी में हुआ है.
मनी ट्रांसफर में गंवाते हैं सबसे ज्यादा पैसा
माइक्रोसॉफ्ट सर्वे के मुताबिक, 43 फीसदी लोगों ने अपना पैसा बैंक ट्रांसफर के वक्त खोया है. वहीं, 38 फीसद लोग गिफ्ट कार्ड, 32 भुगतान ऐप, 32 फीसदी लोग क्रेडिट कार्ड से भुगतान के वक्त धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. सायबर जानकारों के मुताबिक साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार को बैंकों पर सख्ती करना चाहिए कि कोई भी बैंक अकाउंट बिना पर्सनल वेरिफिकेशन के नहीं खोला जाएगा, जिससे फर्जी अकाउंट खोलना बंद हो जाएगा. वहीं एक भी सिम कार्ड बिना सही केवाईसी के निकलता है तो टेलीकॉम कंपनियों पर पेनाल्टी लगाया जाए.
सरकार ने संसद को बताया कि कि भारत सरकार डिजिटल भुगतान की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास कर रही है और सुरक्षित डिजिटल भुगतान प्रथाओं के बारे में नागरिकों में जागरूकता पैदा कर रही है. ऑनलाइन बैंकिंग और एटीएम ग्राहकों की सुरक्षा के लिए दो स्तरीय प्रमाणीकरण के साथ लेनदेन सुरक्षित किया गया है. ऑनलाइन-बैंकिंग धोखाधड़ी मुख्य रूप से ग्राहक द्वारा अनजाने में क्रेडेंशियल्स से समझौता करने के कारण उत्पन्न होते हैं. ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं.
MeitY ने जागरूकता फैलाने के लिए सभी बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को सुरक्षित भुगतान प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाने को कहा है. आरबीआई ने अनिवार्य किया है कि बैंकों द्वारा जारी सभी नए कार्ड – डेबिट और क्रेडिट, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एटीएम कार्ड की क्लोनिंग से बचाव के लिए ईएमवी चिप और पिन आधारित कार्ड हो.