ज्यादातर ग्राहकों की ये शिकायत रही है कि उनके लॉकर से सामान चोरी हो गया. इस रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने अब सख्त नियम बना दिए हैं. इससे बैंकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है. अब अगर आपके लॉकर में से कुछ भी चोरी होता है या किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो बैंक को लॉकर के किराये का 100 गुना मुआवजा ग्राहक को देना होगा.
नई दिल्ली. ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने बैंक लॉकर के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है. अगर आप भी किसी बैंक में लॉकर खोलने की योजना बना रहे हैं या फिर किसी बैंक में पहले से आपका लॉकर है तो नए नियमों के बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.
बैंक लॉकर ग्राहकों की ओर से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रिजर्व बैंक ने नियमों में बदलाव करने का फैसला किया. नए नियम 1 जनवरी, 2022 से लागू हो चुके हैं. अगर आपको अब तक इन नियमों के बारे में पता नहीं चला है तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि क्या-क्या बदलाव किए गए हैं.
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चोरी होने पर बैंक देगा मुआवजा
ज्यादातर ग्राहकों की ये शिकायत रही है कि उनके लॉकर से सामान चोरी हो गया. इस रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने अब सख्त नियम बना दिए हैं. इससे बैंकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है. अब अगर आपके लॉकर में से कुछ भी चोरी होता है या किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो बैंक को लॉकर के किराये का 100 गुना मुआवजा ग्राहक को देना होगा. अब बैंक यह नहीं कह सकते कि चोरी होने पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है.
सीसीटीवी हुआ जरूरी
लॉकर रूम की निगरानी के लिए अब बैंकों को सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा. साथ ही 180 दिन तक सीसीटीवी का डेटा रखना भी जरूरी कर दिया गया है. इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर जांच करने में मदद मिलेगी. यदि कोई ग्राहक बैंक से किसी गड़बड़ी या चोरी की शिकायत करता है तो पुलिस जांच पूरी होने तक सीसीटीवी फुटेज का रिकॉर्ड रखना भी जरूरी बना दिया गया है.
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ई-मेल व एसएमएस अलर्ट भेजना हुआ जरूरी
रिजर्व बैंक ने धोखाधड़ी से ग्राहकों को बचाने के लिए अब यह जरूरी कर दिया है कि कोई ग्राहक जब भी अपना लॉकर एक्सेस करेगा तो बैंक को हर बार उसे एसएमएस और ई-मेल भेजना होगा. यह अलर्ट ग्राहकों को फ्रॉड से बचाएगा.
खाली लॉकर की जानकारी करनी होगी सार्वजनिक
रिजर्व बैंक के नए नियम के मुताबिक, बैंक अब ग्राहकों को लॉकर के बारे में आधी-अधूरी या झूठी जानकारी नहीं दे सकते. उन्हें खाली लॉकर की लिस्ट, लॉकर के लिए वेटिंग लिस्ट और वेटिंग लिस्ट का नंबर सार्वजनिक करना होगा. इन्हें बैंक के डिस्प्ले बोर्ड पर लगाना होगा. साथ ही लॉकर खोलने संबंधी सभी आवेदन उन्हें स्वीकार करना होगा और ग्राहकों को वेटिंग लिस्ट की जानकारी देनी होगी.