Blood Flow in Body: दिल हमारे शरीर का बेहद अहम अंग है अगर इसमें को प्रॉब्लम आई तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ सकता है. कमजोर दिल कई दूसरी परेशानियां पैदा करता है.
Heart and Skin Related Problem: हमारे दिल के दो काम होते हैं, पहला खून को पूरे शरीर में पहुंचाना और दूसरा उस खून को फिर से इकट्ठा करना. कोई भी अंग तभी तक सेहतमंद रहेगा जब तक कि हृदय समय पर खून उस अंग तक पहुंचाए तथा उस अंग के उस रक्त का इस्तेमाल करने के बाद तुरन्त उसे वापस लेकर आ जाए. अगर इसमें देरी होगी तो उस अंग पर बुरा असर पड़ता है. ये नियम पैरों पर भी लागू होता है. जब दिल कमजोर हो जाता है, तो आपको पैरों में स्किन डिजीज हो सकती है.
पैर और दिल का क्या है कनेक्शन?
पैरों में खून को लेकर जाना आसान है, क्योंकि उसमें हमारे हृदय को खून नीचे की तरफ लेकर जाना होता है. जिसमें ग्रेविटी उसकी मदद करती है. लेकिन खून को वापस लेकर आना मुश्किल काम है, क्योंकि यहां पर मददगार ग्रेविटी रुकावट बन जाती है. ग्रेविटी उस खून को नीचे खींचती है और हार्ट तथा काफ मसल्स उसे ऊपर भेजना चाहते हैं.
दिल के कमजोर होने पर आएगी दिक्कत
अगर हृदय कमजोर होगा तो उस खून को वक्त पर ले जाना मुश्किल होगा और खून पैरों की नसों में रुकेगा. कुछ समय के लिए या ज्यादा समय के लिए नसें अपनी ताकत के मुताबिक उस खून को अपने में समाहित करके रखेगी. लेकिन जब ये मुसीबत लंबे वक्त तक रहेगी तो फिर उनकी दीवारों से रक्त का स्राव बाहर त्वचा एवं मसल्स में होने लगेगा. ये रुका हुआ खून वहां मौजूद टिश्यू को दूषित करने लगेगा और इसका नतीजा ये होगा कि हमें चर्म रोग (स्किन डिजीज) हो जाएंगे.
क्या है इस बीमारी का इलाज?
आपने अनुभव किया होगा कि चर्मरोग ज्यादातर पैरों में ही होते हैं, इसकी वजह यही ग्रेविटी और हृदय की समस्या है. जिन रोगियों के पैरों में एक्जिमा या अन्य कोई चर्मरोग जैसे कि पैरों में काले रंग के धब्बे अल्सर आदि हैं तो उन्हें हॉर्ट टॉनिक की सलाह दी जाती है. अगर आपको पैरों की स्किन डिजीज परेशान कर रही है तो आप अपने आयुर्वेद के डॉक्टर को इस बारे में बताएं और उनसे कोई अच्छा-सा हॉर्ट टॉनिक के सेवन की सलाह लें. जितनी त्वचा और खून इसके कारण दूषित हुए हैं, उसका भी इलाज करवा लें.
पैरों में स्किन डिजीज के दूसके कारण
पैरों के सारे चर्म रोग सिर्फ हृदय की कमजोरी से नहीं होते. अगर पैरों के खून में रुकावट किसी अन्य कारण से हुई है तो भी चर्मरोग हो सकते है, जैसे- वेरीकोज वेन, घुटने की सूजन, पैरों की नसों में थक्के बनना (डीवीटी), गर्भाशय में सूजन (महिलाओं में), प्रोस्टेट का बढ़ना (महिलाओं में). आपके पैरों के खून की सप्लाई की रुकावट को आपके डॉक्टर पहचान लेंगे और वह आपको स्वस्थ होने में मदद करेंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.)