मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ पहुंचकर धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने गौरीकुंड से रामबाड़ा-चौमासी कालीमठ तक मोटर मार्ग बनाने समेत क्षेत्र के लिए विभिन्न घोषणाएं कीं। रामबाड़ा तक सड़क बनने के बाद केदारनाथ धाम की कुल पैदल दूरी 16 किलोमीटर में से आठ कम होकर आठ किलोमीटर रह जाएगी।
यहां उन्होंने आगामी यात्रा की तैयारियों को लेकर स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। इससे बाद मुख्यमंत्री ने सिद्धपीठ कालीमठ में पूजा की। मुख्यमंत्री धामी सुबह करीब पौने नौ बजे केदारधाम पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने पूर्ण हो चुके सरस्वती आस्था पथ का निरीक्षण किया और मंदाकिनी आस्था पथ का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
सीएम ने केदारनाथ परिसर के पास पहाड़ी शैली में बन रहे भवनों की भी जानकारी ली। सीएम ने करीब एक घंटा केदारनाथ में रहते हुए मंदिर परिसर का भ्रमण किया। उन्होंने यहां निर्माण में लगे श्रमिकों से बातचीत कर काम में आ रही परेशानी और हालचाल जाना। सीएम ने श्रमिकों के योगदान के लिए हौसला अफजाई की। साथ ही उनके साथ फोटो खिंचवाए और उनकी समस्याएं दूर करने का भरोसा भी दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों के जायजा लेने के दौरान मंदिर परिसर के आसपास मुख्य मार्ग में पड़े मलबे व निर्माण सामग्री को हटाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान रखने और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। सीएम ने केदारनाथ ट्रैक की जानकारी लेते हुए यात्रियों की सुविधा के अनुसार विभिन्न जगहों पर ठहरने, पानी एवं बरसात के दौरान रेन शेल्टर बनाने में तेजी लाने समेत अन्य निर्माण कार्यों के लिए निर्देश दिए।
उन्होंने वासुकीताल ट्रैक को विकसित करने के बारे में जानकारी लेते हुए इसका काम जल्द शुरू करने को कहा। उन्होंने केदारघाटी का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुसार करने की बात कही। सीएम के साथ धाम पहुंचे पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने उन्हें बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है। बरसात के दौरान यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाएगा।
इसके अलावा केदारघाटी में ब्रह्मकमल वाटर पार्क बनवाया जाएगा। इस मौके पर केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, अपर मुख्य अधिकारी/कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता डीडीएमए प्रवीण कर्णवाल, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संजय सिंह सहित संबंधित अधिकारी व अन्य लोग मौजूद थे।