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दिल्ली/एनसीआर

क्‍या कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमण को रोक सकती है हर्ड इम्‍यूनिटी? जानें

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सफदरजंग अस्‍पताल के पल्‍मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ. नीरज कुमार गुप्‍ता कहते हैं क‍ि जब लोगों में हर्ड इम्‍यूनिटी आ रही है तो निश्चित रूप से कोरोना से बचाव तो होगा ही. अभी ओमिक्रोन के ही सब वेरिएंट या इसी के रीकॉम्बिनेंट सामने आ रहे हैं, ऐसे में ओमिक्रोन परिवार के वेरिएंट के प्रति तो हम लोगों के शरीर में सही प्रतिरोधक शक्ति मौजूद है.

नई दिल्‍ली. भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ना शुरू हो गए हैं. पिछले 24 घंटे में ढ़ाई हजार से ज्‍यादा नए मामलों के सामने आने के बाद एक बार फिर राज्‍य और केंद्र सरकारों की चिंता बढ़ गई है. यही वजह है कि मार्च के महीने में मास्‍क (Mask) को वैकल्पिक करने के बाद फिर से मास्‍क पहनने को अनिवार्य कर दिया है. साथ ही मास्‍क न लगाने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. हालांकि कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को लेकर विशेषज्ञों की ओर से लगातार कहा भी जा रहा है क‍ि कोरोना की तीसरी लहर में ज्‍यादातर लोगों के संक्रमित हो जाने और टीकाकरण के बाद हर्ड इम्‍यूनिटी आ गई है. जिसकी वजह से कोरोना की चौथी लहर (Corona fourth Wave) में प्रभावित होने की संभावना कम है. हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है क‍ि क्‍या हर्ड इम्‍यूनिटी (Herd Immunity) कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमण के खिलाफ भी काम करती है और इस वेरिएंट (Variant) के संक्रमण को रोक सकती है?

इस सवाल के जवाब में दिल्‍ली स्थित वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्‍पताल के पल्‍मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ. नीरज कुमार गुप्‍ता कहते हैं इस वक्‍त कोरोना के जो नए मामले सामने आ रहे हैं वे ऐसे हैं जैसे वायरल हुआ हो या इन्‍फ्लूएंजा के मरीज सामने आते हैं. इस समय कोरोना गंभीर नहीं है. अस्‍पताल में जितने भी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं सभी खाली पड़े हैं क्‍योंक‍ि कोरोना का संक्रमण आ तो रहा है लेकिन काफी हल्‍का है या फिर असिम्‍टोमैटिक (Asymptomatic) है. कोरोना की वैक्‍सीन लेने और कोरोना से पिछली लहर में संक्रमित हो जाने के कारण ज्‍यादातर लोगों में हर्ड इम्‍यूनिटी भी आ चुकी है.

डॉ. गुप्‍ता कहते हैं कि जब लोगों में हर्ड इम्‍यूनिटी आ रही है तो निश्चित रूप से कोरोना से बचाव तो होगा ही. अभी ओमिक्रोन के ही सब वेरिएंट या इसी के रीकॉम्बिनेंट सामने आ रहे हैं, ऐसे में ओमिक्रोन परिवार के वेरिएंट के प्रति तो हम लोगों के शरीर में सही प्रतिरोधक शक्ति मौजूद है. हालांक‍ि जहां तक कोरोना के नए वेरिएंट का सवाल है तो हर्ड इम्‍यूनिटी नए वेरिएंट पर कारगर नहीं होती है. यह वेरिएंट पर भी निर्भर करता है कि वह किस प्रकृति का है. हालांक‍ि हर्ड इम्‍यूनिटी के चलते इतना तो है क‍ि जो व्‍यक्ति पहले भी संक्रमित हो चुका है या वैक्‍सीनेटेड है तो उसमें बीमारी की गंभीरता काफी कम रहेगी. हालांक‍ि नया वेरिएंट संक्रमित तो करेगा. हर्ड इम्‍यूनिटी से मॉरबिडिटी जो बढ़ेगी हालांक‍ि मोर्टेलिटी नहीं होगी.

डॉ. गुप्‍ता कहते हैं कि हर्ड इम्‍यूनिटी पूरी तरह सुरक्षा करती है ऐसा तो नहीं कह सकते. जैसे वैक्‍सीन सुरक्षा करती है कि लेकिन 100 फीसदी सुरक्षा करे, यह संभव नहीं है. लिहाजा इसके चलते कोरोना के किसी भी वेरिंएट से संक्रमित होने पर लक्षण इतने हल्‍के या न के बराबर होते हैं क‍ि वे झेले जा सकते हैं और संक्रमण गंभीर नहीं होता.

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