स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने अप्रैल में अपनी एमसीएलआर में बढ़ोतरी की. मई में लोन पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ने की संभावना है और बैंक शुल्क में बदलाव किया जाना तय है.
नई दिल्ली . मई में लोन पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ने की संभावना है और बैंक शुल्क में बदलाव किया जाना तय है. म्यूचुअल फंड में स्विंग प्राइसिंग मैकेनिज्म लागू किया जाएगा और एसेट मैनेजमेंट कंपनियां अपनी स्कीमों में ज्यादा निवेश कर सकेंगी. मई में ऐसे ही कई बदलावों के बारे में हम यहां आपको बता रहे हैं.
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने अप्रैल में अपनी बेंचमार्क मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) में बढ़ोतरी की. एसबीआई ने अपने एमसीएलआर को सभी टाइम फ्रेम के लिए 10 आधार अंकों तक बढ़ाया और अन्य तीन बैंकों ने इसे पांच आधार अंकों तक बढ़ाया.
लोन का रेट बढ़ेगा
MCLR बढ़ने से होम लोन और ऑटो लोन बढ़ जाएंगे. एसबीआई का एमसीएलआर एक साल के कार्यकाल के लिए 7.1 फीसदी, दो साल के लिए 7.3 फीसदी और तीन साल के लिए 7.4 फीसदी है. एक्सिस बैंक में, एक, दो और तीन साल के कार्यकाल के लिए एमसीएलआर क्रमशः 7.4 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत और 7.55 प्रतिशत है. एमसीएलआर विभिन्न प्रकार के ऋणों पर न्यूनतम ब्याज दर निर्धारित करने में मदद करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित बैंकों के लिए एक इंटरनल रेफेरेंस रेट है.
Savings, salary account charges
कोटक महिंद्रा बैंक सेविंग और सेलरी अकाउंट होल्डर्स के लिए एक मई से नए नियम लागू करेगा. बैंक ने मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर चार्ज बढ़ा दिया है. बैंक गैर-वित्तीय कारणों से जारी किए गए और वापस किए गए चेक के लिए फीस भी लेगा. ऐसे एक मामले में ग्राहक को 50 रुपये का खर्च आएगा. चेक से संबंधित एक और मामले में फीस बढ़ाई गई है.
म्यूचुअल फंड में स्विंग प्राइसिंग
बोर्ड म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए सेबी मई से स्विंग प्राइसिंग लागू करेगा. इसका उद्देश्य बड़े निवेशकों को अचानक से बड़ी रकम की निकासी से रोकना है. बाजार में अस्थिरता के दौरान म्युचुअल फंड योजनाओं में प्रवेश करने, बाहर निकलने और मौजूदा निवेशकों के व्यवहार में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए नए नियम एक मार्च से लागू होने थे लेकिन इसमें देरी हुई. अब ये नियम लागू हो रहे हैं.
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एएमसी अपनी योजनाओं में अधिक निवेश करेंगी
सेबी के नियमों के मुताबिक मई से फंड हाउसों को अपनी योजनाओं में ज्यादा निवेश करना होगा. इसका उद्देश्य एसेट मैनेजर और निवेशकों के हितों को एक समान बनाए रखना है. एएमसी अपने परिसंपत्ति आधार का 0.03 प्रतिशत से 0.13 प्रतिशत अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करेंगे. इस तरह के निवेश की सीमा योजना के जोखिम स्तर के अनुसार अलग-अलग होगी.