Jharkhand Panchayat Elections: झारखंड में चार चरणों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चार चरणों में कराए जा रहे हैं. किन इसमें ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया गया है झारखंड पंचायत चुनाव में OBC को आरक्षण नहीं दिए जाने के मामले को लेकर सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
दिल्ली/रांची. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड पंचायत चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने अपने पहले के आदेश के आलोक में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी की ओर से याचिका दायर की गई थी. झारखंड में चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं, लेकिन इसमें ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया गया है. ओबीसी आरक्षण को लेकर ही उन्होंने याचिका दायर की थी.
बता दें कि झारखंड में चार चरणों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चार चरणों में कराए जा रहे हैं. किन इसमें ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया गया है झारखंड पंचायत चुनाव में OBC को आरक्षण नहीं दिए जाने के मामले को लेकर सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी.
पिछली सुनवाई के दौरान तीन जजों की बेंच ने इस मामले की विस्तार से सुनवाई की थी और आज की तारीख तय कर दी थी. गौरतलब है कि इस मामले को सबसे पहले जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अभय एस ओका की अदालत ने इस मामले को सुना था. इसके बाद सर्वोच्च अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को तीन जजों के बेंच में स्थानांतरित कर दिया था.
झारखंड पंचायत चुनाव में इसी महीने वोट डाले जाने हैं.. यही कारण है कि ऑल झारखंड स्टूडेंट्स पार्टी के गिरिडीह लोकसभा सीट से सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सरकार के खिलाफ यह याचिका दाखिल कर इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए विशेष आग्रह किया गया था. इसी पर कोर्ट ने 4 मई की तारीख तय की थी.
याचिका में कहा गया था कि झारखंड सरकार इस बार ओबीसी आरक्षण दिए बिना ही पंचायत चुनाव करा रही है. यह सरासर मनमानी है. सरकार से ओबीसी को आरक्षण देने की लगातार मांग की गई, लेकिन इस पर गौर नहीं किया गया. मगर अब जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से मना कर दिया है तो अब पंचायत चुनाव की अड़चन समाप्त मानी जा सकती है.