सोने की कीमतों में लगातार दूसरे हफ्ते भी तेजी जारी रही. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX)पर जून 2022 के लिए गोल्ड फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट शुक्रवार को 50,928 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर समाप्त हुआ, जबकि स्पॉट गोल्ड की कीमत 1862 प्रति औंस तक पहुंची.
नई दिल्ली. डॉलर इंडेक्स में लगातार हो रही गिरावट और 10 ईयर बॉन्ड के पिछले छह हफ्तों में अपने सबसे निचले स्तर चले जाने के कारण सोने की कीमतों में लगातार दूसरे हफ्ते भी तेजी जारी रही. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX)पर जून 2022 के लिए गोल्ड फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट शुक्रवार को 50,928 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर समाप्त हुआ, जबकि स्पॉट गोल्ड की कीमत 1862 प्रति औंस तक पहुंची. हालांकि बाद में यह 1853 प्रति औंस पर समाप्त हुई.
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कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर में मुनाफावसूली ने एक बार फिर निवेशकों के बीच सोने की मांग को बढ़ा दिया है. उन्होंने आगे कहा कि 1865 डॉलर के स्तर से ऊपर ब्रेकआउट देने के बाद, स्पॉट गोल्ड की कीमत बहुत कम समय में 1900 डॉलर के स्तर तक जा सकती है, जबकि MCX की सोने की दर इस अवधि में 53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा सकती है.
सोने की कीमतों में आई तेजी के कारणों पर रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च एनालिस्ट विपुल श्रीवास्तव ने कहा कि हाल ही में कीमतों में हुए सुधार के बाद सोने की कीमतों में दूसरे हफ्ते में तेजी देखने को मिली है. वहीं डॉलर सूचकांक लगातार दूसरे सप्ताह गिर गया और बेंचमार्क 10 ईयर बॉन्ड भी छह सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया है. इन दोनों के निचले स्तर पर पहुंचने के कारण सोने में मजबूती आई है. हालांकि, मई में हुई बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्ती के चलते सोने की कीमत सीमित रही.
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सोने की कीमतों में यह तेजी किस ओर बढ़ रही है इसको लेकर एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख डॉ. जोसेफ थॉमस ने कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती मुद्रास्फीति, सोने को मूल्य संरक्षण के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है, लेकिन अमेरिकी डॉलर में मजबूती और बढ़ती अमेरिकी दरें सोने की कीमत पर दबाव डालती हैं. फेडरल की ओर से एक स्पष्ट स्थिति है कि मुद्रास्फीति पर काबू पाने तक दरों में बढ़ोतरी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि बढ़ती दरें निवेशकों के लिए इसे काफी आकर्षक बना देंगी. इससे अमेरिकी मुद्रा में भी मजबूती आएगी. अमेरिकी डॉलर में सोना उद्धृत किया जा रहा है. ऐसे में कीमत में कमी आना तय है. इसलिए, सोने की कीमत 1930 डॉलर प्रति औंस पर सीमित हो सकती है.