बुधवार को सिद्धू मूसेवाला के अंतिम अरदास के बाद उनके पिता अपने बेटे को याद कर फफक-फफककर रो पड़े और लोगों से पूछते रहे-बताओ क्या कसूर था मेरे बेटे का, मैं वादा करता हूं, अपने बेटे को आपके बीच जिंदा रखूंगा.
Sidhu Moosewala: गायक से नेता बने सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद आज उनके अंतिम अरदास के बाद उनके पिता बलकौर सिंह बेटे को याद कर फफक पड़े. बलकौर सिंह ने रोते हुए पूछा बताओ मेरे बेटे का क्या कसूर था. मेरा बेटा तो एक साधारण सीधा-साधा बच्चा था. मेरे बेटे ने स्कूल जाने के लिए दूसरी क्लास से 12वीं तक रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल चलाई क्योंकि गांव से बस नहीं चलती थी. मेरे पास कोई ज्यादा ज़मीन भी नहीं थी और न ही मेरे पास कोई पैसा ही था. उनसे अपनी मेहनत से सब कुछ हासिल किया. मेरे बेटे ने जेब मे पर्स नहीं रखा जब भी पैसे की जरूरत होती मुझसे मांगता था. ऐसा था मेरा बेटा मैं वादा करता हूं कि हर हाल में बेटे की यादों को जिदा रखूंगा.
सिद्धू के पिता ने कहा-अपने बेटे को सबके बीच जिंदा रखूंगा
बलकौर सिंह ने कहा कि किसे पता था कि वो मई की मनहूस 29 तारीख आएगी. मैं भी उस दिन उसके साथ जाना चाहता था लेकिन मुझे वो साथ नहीं ले गया. उसने कहा था- आप खेत से आये हो आप अभी आराम करो. मुझे आज भी नहीं पता कि उसका क्या कसूर था. मेरा बेटा हमेशा कहता था कि मैंने कभी किसी का बुरा नहीं किया. हमें कोई खतरा होता तो वो अकेले नहीं जाता.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सबकुछ बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है. सिद्धू को कोई चुनाव लड़ने के लिए लेकर नहीं आया चुनाव लड़ने का उसका खुद का मन था. मेरी कोशिश है सिद्धू को मैं आपके बीच जिंदा रखने की कोशिश करूंगा.
मेरी अपील है कि मूसेवाला से जुड़ी जानकारी चाहिए तो मैं आपको दूंगा. लेकिन अगर उसके नाम से कोई फेक पेज बना रहा है कोई झूठी स्टोरी डाल रहा है, तो ऐसा न किया जाए. मैंने सरकार को इस मामले में समय दिया लेकिन आगे की रणनीति क्या होगी ये मैं आपको बताऊंगा. बेटे के न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
सिद्धू की मां ने कहा-मेरा तो सबकुछ खत्म हो गया
अंतिम अरदास के बाद सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने कहा कि 29 मई ऐसी मनहूस तारीख थी कि उस दिन मेरा सबकुछ खत्म हो गया. चरण कौर ने कहा कि जिसने भी मेरा इस दुख में साथ दिया उसका धन्यवाद. आपने जो हौसला दिया उससे मुझे हिम्मत मिली है.