सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने कहा कि भुगतानकर्ता/कटौतीकर्ता को प्राप्तकर्ता के हाथ में राशि को लेकर टैक्सेशन जांच करने की आवश्यकता नहीं है.
नई दिल्ली. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने गुरुवार को किसी कारोबार या पेशे में प्राप्त लाभों के संदर्भ में स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) के नए प्रावधान के उपयोग को लेकर गाइडलाइंस जारी किया. डिपार्टमेंट ने कहा कि इस तरह के लाभ या तो कैश या वस्तु अथवा आंशिक रूप से इन दोनों रूपों में हो सकते हैं.
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सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने यह भी कहा कि भुगतानकर्ता/कटौतीकर्ता को प्राप्तकर्ता के हाथ में राशि को लेकर टैक्सेशन जांच करने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही अतिरिक्त लाभ के रूप में दी गई संपत्ति की प्रकृति प्रासंगिक नहीं है. यहां तक कि लाभ के रूप में दी गई कैपिटल एसेट भी धारा 194आर के दायरे में आती हैं.
इसके अलावा, धारा ‘194 आर’ उन विक्रेताओं पर भी लागू होगी जो छूट या छूट के अलावा प्रोत्साहन देते हैं. यह छूट कैश या कार, टीवी, कंप्यूटर, सोने का सिक्का, मोबाइल फोन, मुफ्त टिकट आदि जैसी वस्तुओं के रूप में हो सकती है. वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में टैक्स रेवेन्यू नुकसान को रोकने के लिये ऐसी आय पर टीडीएस के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया था.
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विवाद से विश्वास योजना पर सीबीडीटी की नई गाइडलाइन
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दो साल पहले डाइरेक्ट टैक्स से जुड़े विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना शुरू की थी. साथ ही सीमा पार टैक्स विवाद निपटाने के लिए म्यूचुअल एग्रीमेंट प्रोसिजर (MAP) योजना की शुरुआत की थी. अब इसमें कुछ बदलावों के साथ सीबीडीटी ने नई गाइडलाइन जारी की है. सीबीडीटी ने अपनी गाइडलाइन में स्पष्ट किया है कि दोनों योजनाओं के तहत टैक्स अधिकारियों और कारोबारियों को किस तरह अप्रोच करना होगा.