कैसे शुरू हुआ अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस? किस राज्य में कितनी मिलती है विधवा पेंशन? जानिए सबकुछ
International Widows Day : आज अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस है. इस खास मौके पर विधवाओं की दशा-दिशा पर एक नजर डालनी जरूरी है. भारत में करीब 4 करोड़ विधवाएं हैं यानी महिलाओं की कुल आबादी का करीब 10 फीसदी हिस्सा. राज्य सरकारें पेंशन देकर इनकी आर्थिक दशा सुधारने की कोशिश कर रहीं हैं.
नई दिल्ली. आज अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widows Day) है. एक आंकड़े के अनुसार, दुनिया में करीब 258 मिलियन विधवा महिलाएं हैं. इनमें से 10 में से एक विधवा अत्यधिक गरीबी का सामना करती है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 4 करोड़ विधवाएं हैं यानी कुल महिलाओं का करीब 10 फीसदी हिस्सा.
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आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इनमें से अधिकतर विधवा महिलाओं को जीवनयापन में कठिनाई होती है. इसे देखते हुए विधवाओं के सोशल और फाइनेंसियल सिक्योरिटी के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं. इसी में विधवा पेंशन योजना (Vidhwa Pension scheme) भी शामिल है.
सभी राज्य सरकारें विधवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए पेंशन प्रदान कर रही हैं. यह पेंशन राज्यों को उन महिलाओं को दी जाती है, जिनके जीवनसाथी की मृत्यु के बाद कोई कमाने वाला नहीं होता है. इस योजना के तहत पेंशन की राशि सीधे लाभार्थी विधवाओं के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है. इस पेंशन योजना के जरिये विधवाओं को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. आइए, देखते हैं कि कुछ राज्यों में विधवाओं को कितनी पेंशन मिलती है.
हरियाणा में 1800 रुपये मंथली
हरियाणा सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट के मुताबिक, राज्य सरकार निराश्रित या तलाकशुदा महिलाओं और 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की विधवाओं को 1,800 रुपये मंथली पेंशन देती है. ई दिशा सेंटर, अटल सेवा केंद्र के जरिये इस स्कीम का लाभ उठाया जा सकता है.
दिल्ली में 2500 रुपये पेंशन
दिल्ली सरकार राज्य की सभी विधवा या तलाकशुदा महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये पेंशन देती है. विधवा पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं की उम्र 18 से अधिक और 59 से कम होना चाहिए. इसका लाभ उन्हीं परिवार की महिलाओं को मिलती है, जिनकी कुल वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम है.
मध्यप्रदेश में 600 रुपये महीना
पति की मृत्यु के बाद कई महिलाओं की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (Indira Gandhi National Widow Pension Scheme) चला रही है. इसके तहत विधवाओं को 600 रुपये प्रति महीने पेंशन दी जाती है.
उत्तर प्रदेश में 500 रुपये मंथली
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की विधवाओं को 500 रुपये प्रति महीना पेंशन देती है. इसके लिए विधवा महिला की उम्र 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए. साथ ही, इसके लिए यह भी शर्त है कि विधवा केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना का लाभ नहीं उठा रही हो. उसका या उसके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. वैसे, बता दें कि भारत सरकार ने भी विधवाओं के कल्याण, पुनर्वास, सशक्तिकरण, शिक्षा और रोजगार प्रदान करने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं.
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कब हुई शुरुआत?
• महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने वाले भारतीय मूल के ग्रुप लूंबा फाउंडेशन ने विधवाओं के विषय में जागरुकता बढ़ाने के लिए 2005 में पहले अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का आयोजन किया.
• संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2011 में 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस घोषित करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. इसका कमसद विधवाओं के लिए आवश्यक विशिष्ट सहायता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
• संयुक्त राष्ट्र की मान्यता के कारण इस दिन के बारे में लोग अधिक जागरुक हुए हैं और दुनियाभर में इस दिन को व्यापक रूप से मनाया जाने लगा है.
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