केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) अथवा क्रिप्टो एसेट्स पर टैक्स (TDS) को लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. टैक्स काटने जिम्मेदारी प्राथमिक तौर पर खरीदार की है, लेकिन एक्सचेंज को तिमाही ब्यौरा देना होगा. वह खरीदार से कॉन्ट्रैक्ट करके टैक्स काटेगी.
नई दिल्ली. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes – CBDT) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) अथवा क्रिप्टो एसेट्स पर टैक्स (TDS) को लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. एक जुलाई 2022, मतलब अगले महीने की एक तारीख से, ये लागू हो जाएंगे.
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अब वर्चुअल एसेट्स की बिक्री के लिए किए गए भुगतान पर 1 फीसदी का टीडीएस (Tax Deducted at Source) लगाया जाएगा. यह टैक्स एक साल में 10,000 रुपये से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी के लिए की गई पेमेंट पर लागू होगा. इस बार का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी. इसे फाइनेंस एक्ट 2022 के सेक्शन 194एस के तहत पेश किया गया था.
टैक्स रिटर्न में करना होगा खुलासा
विभाग ने कठिनाइयों को दूर करने के लिए छह प्रश्नों के माध्यम से अलग-अलग परिदृश्यों के बारे में जानकारी दी है. नई व्यवस्था के तहत, टैक्स रिटर्न में लेनदेन का खुलासा करना होगा और एक पेपर ट्रेल बनाए रखना होगा.
यह खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए मददगार होगा, क्योंकि वे वर्चुअल एसेट ट्रांसफर अथवा अन्यथा पर भी अपनी ओर से टैक्स काटने की जिम्मेदारी सौंपने के लिए एक्सचेंज के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर सकते हैं.
TDS काटने की जिम्मेदारी एक्सचेंज पर
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के अनुसार, टैक्स और कंसल्टिंग फर्म एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि CBDT ने व्यावहारिक परिदृश्यों को अच्छे तरीके से कवर किया है, ताकि VDAs के हस्तांतरण के लिए विचाराधीन विदहोल्डिंग के सुचारू कार्यान्वयन की सुविधा मिल सके. मोटे तौर पर, टीडीएस काटने की जिम्मेदारी एक्सचेंज पर डाल दी गई है, जिससे उनके लिए रेगुलेटरी और उसके अनुपालन (Compliance) का बोझ बढ़ जाएगा.
एक्सचेंज कर सकते हैं खरीदार या ब्रोकर के साथ कॉन्ट्रैक्ट
ऐसे मामलों में जहां VDAs का हस्तांतरण एक्सचेंज पर या उसके माध्यम से होता है और जो वीडीए ट्रांसफर किया जा रहा है, वह एक्सचेंज का ही है, तो इस मामले में अधिनियम की धारा 194एस के तहत टैक्स कटौती की प्राथमिक जिम्मेदारी खरीदार या उसके ब्रोकर की होगी. इसके एक विकल्प के रूप में एक्सचेंज खरीदार या उसके ब्रोकर के साथ एक लिखित समझौता कर सकता है कि ऐसे सभी लेनदेन के संबंध में एक्सचेंज तिमाही के लिए एक फिक्स्ड तारीख को या उससे पहले टैक्स का भुगतान करेगा.
ऐसे मामलों में जहां VDAs का हस्तांतरण एक्सचेंज पर या उसके माध्यम से होता है और जो वीडीए ट्रांसफर किया जा रहा है, वह एक्सचेंज का ही है, तो इस मामले में अधिनियम की धारा 194एस के तहत टैक्स कटौती की प्राथमिक जिम्मेदारी खरीदार या उसके ब्रोकर की होगी. इसके एक विकल्प के रूप में एक्सचेंज खरीदार या उसके ब्रोकर के साथ एक लिखित समझौता कर सकता है कि ऐसे सभी लेनदेन के संबंध में एक्सचेंज तिमाही के लिए एक फिक्स्ड तारीख को या उससे पहले टैक्स का भुगतान करेगा.
FAQ पर काम कर रहा मंत्रालय
वित्त मंत्रालय क्रिप्टोकरेंसी के टैक्सेशन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQ) पर भी काम कर रहा है, जो वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर इनकम टैक्स के संबंध में अधिक विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा.
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वर्चुअल करेंसीज़ के लिए 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस भी पेश किया गया है. कुछ विशिष्ट व्यक्तियों के लिए टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये प्रति वर्ष होगी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/HUFs शामिल हैं, जिन्हें आयकर अधिनियम के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है.