HDFC Bank Merger: बीएसई और एनएसई के बार एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के मर्जर को रिजर्व बैंक ने भी मंजूरी दे दी है. इस बारे में एचडीएफसी को आरबीआई का लेटर भी मिल गया है.
HDFC Bank Merger: लंबी प्रक्रिया के बाद एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd.) और एफडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के विलय का रास्ता साफ हो गया है. एचडीएफसी बैंक की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि उसकी मूल कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd.) के साथ विलय के प्रस्ताव के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी मिल गई है.
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पहले ही मिली बीएसई और एनएसई की मंजूरी
बैंक ने कहा, ‘एचडीएफसी को आरबीआई (RBI) का 4 जुलाई, 2022 का लेटर मिला है. इसमें आरबीआई ने प्लान के लिए अपनी ‘अनापत्ति’ (NOC) दे दी है और इसके लिए उसमें कुछ शर्तों का जिक्र किया है. मर्जर के लिए कुछ वैधानिक और नियामक मंजूरियां जरूरी होंगी. आपको बता दें सप्ताह की शुरुआत में प्रस्तावित विलय के लिए बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) से मंजूरी मिल गई थी.
18 लाख करोड़ का होगा कम्बाइंड बेस एसेट
आपको बता दें करीब 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण से वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी. एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के साथ ही कंपनी एक नए वजूद में आ जाएगी. प्रस्तावित यूनिट का कम्बाइंड एसेट बेस लगभग 18 लाख करोड़ रुपये होगा.
ग्राहकों पर क्या असर होगा?
एचडीएफसी व एचडीएफसी बैंक के मर्जर का असर ग्राहकों और शेयरधारक दोनों पर पड़ेगा. एचडीएफसी के हर शेयरधारक को एचडीएफसी के 25 शेयर के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे. एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास एचडीएफसी बैंक का 41 फीसदी हिस्सा रहेगा. इसके बाद एचडीएफसी बैंक का पूरा स्वामित्व पब्लिक शेयरहोल्डर्स के हाथों में होगा.