Share Market Investment: शेयर बाजार की शुरुआत फिर से गिरावट के साथ हुई है. वहीं भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निकासी का सिलसिला जुलाई में भी जारी है.
ये भी पढ़ें– Smartphone यूजर्स सावधान! ये 4 Apps लूट रहे हैं आपका पैसा; लिस्ट देखें और तुरंत करें Delete
Nifty Chart: शुक्रवार को जहां शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली थी तो वहीं आज सोमवार 11 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले हैं. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स की शुरुआत लाल निशान में हुई है. वहीं कुछ विदेशी बाजार भी गिरावट के साथ कोराबार करते हुए दिखाई दिए हैं. इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. आज सेंसेक्स में 200 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिली है. वहीं निफ्टी भी 80 अंकों से ज्यादा टूट गया. इसके साथ ही लगभग सभी इंडेक्स गिरावट के साथ खुले हैं.
गिरावट के साथ खुला बाजार
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान में रही. वहीं सेंसेक्स में 233.24 अंक (0.43%) की गिरावट दिखी. इसके साथ ही सेंसेक्स 54248.60 के स्तर पर खुला. वहीं निफ्टी में भी गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी 84.45 अंक (0.52%) गिरकर 16136.15 के स्तर पर खुला. इससे पहले आठ जुलाई शुक्रवार को बाजार में तेजी देखने को मिली थी. शुक्रवार को सेंसेक्स में 303.38 अंकों (0.56%) की बढ़त देखने को मिली. इसके साथ ही सेंसेक्स 54,481.84 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी में 87.70 अंकों (0.54%) की तेजी देखी गई. इसके साथ ही निफ्टी 16,220.60 के स्तर पर बंद हुई.
ये भी पढ़ें– PM Kisan: सरकार का बड़ा ऐलान, इन लोगों को नहीं मिलेगा पीएम किसान का एक भी पैसा
इस हफ्ते इन पर नजर
वहीं स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी. इसके अलावा वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों का रुख भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा. विश्लेषकों का कहना है कि बाजार भागीदारों की निगाह इसके साथ ही रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी.
इनके आएंगे आंकड़े
इस सप्ताह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजे आएंगे. इसके अलावा 12 जुलाई को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) के साथ ही 14 जुलाई को थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े आने हैं.
एफपीआई की निकासी
वहीं भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी का सिलसिला जुलाई में भी जारी है. हालांकि, अब एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है. डॉलर में मजबूती और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच एफपीआई ने जुलाई में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से आठ जुलाई के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 4,096 करोड़ रुपये की निकासी की है.
जून में भी निकाले रुपये
वहीं जून में एफपीआई ने 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. यह मार्च, 2020 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है. उस समय एफपीआई की निकासी 61,973 करोड़ रुपये रही थी. इस साल एफपीआई भारतीय शेयरों से 2.21 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. इससे पहले 2008 के पूरे साल में उन्होंने 52,987 करोड़ रुपये की निकासी की थी. एफपीआई की निकासी की वजह से रुपया भी कमजोर हुआ है. हाल में रुपया 79 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया.