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महंगाई रोकने के लिए विकास की नहीं चढ़ेगी बलि, आरबीआई गवर्नर ने कहा- ग्रोथ को ध्यान में रखकर बनेगी नीति

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि महंगाई को रोकने के लिए मौद्रिक नीतियां इस तरीके से बनाई जाएंगी कि उनका असर विकास की गति पर बहुत अधिक न हो. उन्होंने ये बात ऐसे समय में कही है जब खुदरा महंगाई लगातार छठे महीने आरबीआई के लक्षित दायरे से बाहर रही है.

हाइलाइट्स

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नीतियां बनाते समय विकास की जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा.
महंगाई रोकने के लिए कुछ हद तक ही विकास प्रभावित होगा.
मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जून में खुदरा महंगाई थोड़ी कम हुई.

नई दिल्ली. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मौद्रिक नीति में अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि पॉलिसी को इतना सख्त नहीं किया जाएगा कि इससे बाजार में बहुत अधिक सुस्ती पैदा हो जाए. शक्तिकांत दास ने ये बातें मंगलवार को सिंगापुर इंडिया चेंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के एक समारोह में कहीं.

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उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है और भारत की करेंसी लगातार कमजोर होती जा रही है. इससे आरबीआई पर मुद्रास्फीति की चिंताओं को कम करने के लिए मौद्रिक नीतियों को और सख्त करने का दबाव बनता जा रहा है. उन्होंने कहा, “हम आर्थिक विकास की जरूरतों को हमेशा ध्यान में रखते हैं और वृद्धि दर में गिरावट एक हद तक ही होनी चाहिए.” उन्होंने कहा कि नीतियां ऐसी नहीं होनी चाहिए जिसकी वजह से अर्थव्यव्स्था में भारी गिरावट दिखे.

खुदरा मंहगाई दर में थोड़ी राहत
महंगाई के मोर्चे पर जून में आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सरकार ने कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित रिटेल महंगाई दर के आंकड़े जारी किए. आंकड़ों के अनुसार, जून में खुदरा महंगाई दर 7.01% रही. यह मई के 7.04 के मुकाबले 0.43 फीसदी कम है. बता दें कि यह लगातार छठा महीना है जब महंगाई दर आरबीआई की 6% की ऊपरी लिमिट से अधिक रही है. जनवरी 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.01%, फरवरी में 6.07%, मार्च में 6.95% और अप्रैल में 7.79% दर्ज की गई थी. जून में मूल महंगाई दर (कोर इन्फ्लेशन) 6 फीसदी रही. इसमें खाद्य व उर्जा क्षेत्र शामिल नहीं होता है. खाद्य महंगाई दर में भी थोड़ी गिरावट देखने को मिली है. मई में यह 7.97 फीसदी थी जो जून में घटकर 7.75 रह गई.

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इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बढ़ा
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) द्वारा जारी किए औद्योगिक उत्पादन के ताजा आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था में अच्छी रिकवरी के संकेत दे रहे हैं. एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2022 में देश का औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स (इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) कुल मिलाकर 19.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है. ग्रोथ रेट में आए इस सुधार का श्रेय मुख्य तौर पर मैन्युफैक्चरिंग, पावर और माइनिंग सेक्टर्स को जाता है.

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