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अगर आप नए आयकरदाता हैं, तो यहां समझें ITR फाइल करने की बारीकियां, यह भी जानें कब आता है रिफंड?

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ITR Filing Last Date: अगर आप नए आयकरदाता हैं, तो आपको यह पता होना चाहिए कि कब तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना है और किस तरह से फाइल करने के बाद वेरीफाई करना है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. इनकम टैक्स फाइल करने की एक प्रक्रिया होती है. इनकम टैक्स रिफंड प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही रिफंड के लिए प्रॉसेस किया जाता है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसका वेरीफिकेशन किया जाता है. इसके बाद सबमिट हो जाता है, फिर आयकर विभाग उसका इनवेस्टिगेशन करा है, जिसके बाद आपके खाते में रिफंड आ जाता है.

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ITR में लेटर ऑफ इंटिमेशन क्या होता है?

टैक्स की लैंग्वेज में जिसमें इस बात की सूचना दी जाती है कि आपका इनकम टैक्स रिटर्न सही तरीके से भरा गया है या गलती हो गई है. उसको ही लेटर ऑफ इंटिमेशन कहते हैं. अगर आपने कुछ आंकड़े गलत भर दिए हैं तो उसके बारे में आपको जो सूचना दी जाती है. उसको भी लेटर ऑफ इंटिमेशन कहा जाता है. दरअसल, इस लेटर में यह बताया जाता है कि आपने अमुक आंकड़े गलत भर दिए हैं या आपके फॉर्म में यह गलती है. उसको सही कर लें. 

इनकम टैक्स से नोटिस कब आता है?

  • जो टैक्स आपने भरा है, जब आपकी देयता उससे ज्यादा होती है तो इनकम टैक्स विभाग से नोटिस भेजा जाता है.
  • यह नोटिस तब भी आता है जब आपने ज्यादा टैक्स भरा है और देयता कम है.
  • जानकारों के मुताबिक इस तरह से नोटिस लगभग हर आयकरदाता के पास आ ही जाते हैं.
  • अगर इस तरह के कोई नोटिस आपके पास नहीं आए हैं, तो आप यह समझ सकते हैं कि आपका आईटीआर अभी तक प्रॉसेस नहीं किया गया है.

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इनकम टैक्स से मिले नोटिस का जवाब देने में न करें देर

इसको लेकर आयकर विभाग द्वारा मेल किया जाता है. टैक्स के जानकारों के मुताबिक अगर 143 (1) के तहत नोटिस भेजा जाता है तो यह डिमांड का नोटिस होता है. इसका मतलब है कि आप पर अभी टैक्स बकाया है और नोटिस मिलने के 20 दिन के अंदर उसको जमा कर देना चाहिए. अगर आप 30 दिन से ज्यादा देर करते हैं तो बकाया रकम पर ब्याज वसूला जाता है. 

इनकम टैक्स स्टेटस कैसे चेक करें?

  • अगर आप इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाएंगे तो आपको अपने आईटीआर रिफंड के बारे में जानकारी मिल जाएगी. इसके बारे में होम पेज पर ही 9वें नंबर पर जानकारी मिल जाएगी.
  • इस पर क्लिक करते ही एक दूसरा पेज खुलेगा, जहां पर आपको पैन नंबर भरना होगा. आईटीआर एकनॉलेजमेंट और कैप्चा भरकर सबमिट करने पर स्थिति की सही जानकारी मिल जाएगी. इसलिए आईटीआर फाइल करने के बाद एकनॉलेजमेंट नंबर को सही तरीके से सेव करके रखें, ताकि आपको जरूरत पड़ने पर मिल जाए.
  • इन विवरणों के भरने के बाद आपको आईटीआर की सही स्थिति के बारे में जानकारी मिल जाएगी. इसमें यह भी पता चल जाएगा कि आपने सही तरीके से आईटीआर फाइल किया है या नहीं.
  • अगर आप इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग और फॉर्म सभी तरह की जानकारी डैशबोर्ड पर मिल जाएगी.
  • अगर आप दूसरे विकल्प पर क्लिक करेंगे तो एक नया पेज खुलेगा. जिसमें आपको पैन नंबर भरना पड़ेगा, जिसके बाद आपको यह सिलेक्ट करना होगा किस साल के आईटीआर को आप सर्च कर रहे हैं.
  • उसको सबमिट करने के बाद आपको अपने आईटीआर के बारे में सही जानकारी मिल जाएगी. अगर रिटर्न प्रॉसेस नहीं हुआ है तो वहां पर आपको सक्सेसफुली वेरीफाइड का मैसेज दिखाई देगा.

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धारा 156 के तहत डिमांड नोटिस क्या है?

आयकर की धारा 156 के तहत बकाया पर बकाया के लिए नोटिस जारी किया जाता है, जिसमें ब्याज और हर्जाना सब शामिल होता है. यह सूचना आमतौर पर इनटैक्स के पोस्ट असेसमेंट के बाद भेजी जाती है. यह नोटिस असैसिंग ऑफिसर द्वारा भेजी जाती है. जिसमें यह बताया जाता है कि आपके ऊपर अमुक राशि बकाया है, हर्जाने से बचने के लिए इसको सही समय पर भर दें.

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