All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारियों को दी बड़ी राहत, जीएसटी में फंसे पैसे वापस मिलेंगे, पढ़िए पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने टैक्स क्रेडिट के दावे से जुड़े मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. इस फैसले से सैकड़ों व्यवसायों का फंसा हुआ पैसा वापस मिलेगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह निर्णय एक मिल का पत्थर है.\

ये भी पढ़ें Upcoming IPO: साई सिल्क्स की आईपीओ से 1,200 करोड़ रुपये जुटाने की योजना, क्या है कंपनी का बिजनेस?

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी के मामले में व्यवसायों को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल को 1 सितंबर से दो महीने के लिए खुला रखने का निर्देश दिया, ताकि व्यवसायों के लिए टैक्स क्रेडिट का दावा किया जा सके. जुलाई 2017 में आई इस नई इनडायरेक्ट टैक्स व्यवस्था के बाद ऐसे बहुत सारे मामले पेंडिंग है. एक्सपर्ट्स ने इस फैसले को लैंडमार्क बताया है.

शीर्ष अदालत के फैसले से उन कई व्यवसायों को राहत मिलेगी, जो उत्पाद शुल्क और सेवा कर की पिछली व्यवस्था में टैक्स क्रेडिट को लेकर सरकार के खिलाफ मुकदमे लड़ रहे थे, जिसका वे जीएसटी में बदलाव के बाद लाभ नहीं उठा सके. इस तरह से टैक्स क्रेडिट पाने वाले तमाम बिजनेस का मामला अटका पड़ा है.

फंसा हुआ पैसा मिलेगा

विशेषज्ञों ने कहा कि अदालत ने सरकार को 1 सितंबर से दो महीने की अवधि के लिए संबंधित फॉर्म भरने की अनुमति देने का निर्देश दिया है. लाइव मिंट के लेख में भारत में केपीएमजी के टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन के मुताबिक, यह निर्णय एक चल रहे विवाद के आलोक में आया है जिसमें कई करदाताओं ने विरोध किया था कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण इन फॉर्मों को समय पर दाखिल नहीं किया जा सका. इस वजह से उन्हें क्रेडिट के रिटर्न पाने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें ITR Update : रिटर्न भरने के आखिरी दिन पड़ रहा रविवार-बैंक रहेंगे बंद, करदाताओं पर इसका क्‍या होगा असर?

बिजनेस के लिए एक सुनहरा अवसर

जैन ने कहा कि यह उन तमाम बिजनेस के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिनका जीएसटी रिटर्न फंसा है. भले ही वे रिट याचिका के पक्षकार हों या नहीं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आलोक में सभी व्यवसायों को किसी भी पूर्व-जीएसटी क्रेडिट को देखना चाहिए जहां उनका पैसा फंसा है. इस मामले में मीडिया द्वारा ई-मेल से पूछे गए प्रश्न का अभी तक वित्त मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले से सैकड़ों व्यवसायों को फायदा मिलने की संभावना है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top