गुरुग्राम में सक्रिय मरीजों की संख्या 1759 तक पहुंच गई है, जबकि एक अगस्त को 878 सक्रिय मरीज थे। त्योहारी सीजन होने के कारण शहर के बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ जुट रही है।
सामान्य जीवन भले ही पटरी पर लौट आया है, कोविड-19 संक्रमण का संकट अभी तक टला नहीं है। बचाव के नियमों की पालना में अनदेखी एक बार फिर भारी पड़ने लगी है। लोगों ने मास्क उतार दिए हैं तो संक्रमण का ग्राफ चढ़ता जा रहा है। गुरुग्राम में संक्रमण के प्रसार की रफ्तार बढ़ने लगी है। सक्रिय मरीजों की संख्या 1759 तक पहुंच गई है, जबकि एक अगस्त को 878 सक्रिय मरीज थे। त्योहारी सीजन होने के कारण शहर के बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ जुट रही है। इस बीच हर जगह जमकर नियमों की अनदेखी जारी है।
रक्षाबंधन के त्योहार सहित स्वतंत्रता दिवस को लेकर भी बाजारों में इन दिनों लोगों की भारी भीड़ है। शहर के सदर बाजार में रोजाना हजारों की संख्या में लोग खरीदारी करने के लिए आते हैं। राखी का त्योहार होने के चलते भीड़ पहले के मुकाबले बढ़ गई है। शहर के विभिन्न सेक्टर में स्थित मार्केट भी इन दिनों खरीदारों से गुलजार हैं। बाजार से लेकर सेक्टर की मार्केट में भीड़-भाड़ के बीच लोग मुंह पर मास्क लगाए बिना ही घूम रहे हैं।
प्रशासन भी नहीं बरत रहा सख्ती
खरीदारों से लेकर दुकानदारों ने भी मास्क से दूरी बना ली है। ऐसे में एक संक्रमित व्यक्ति के भीड़ भाड़ वाले स्थान पर आने से ये कई के लिए बड़ा संकट है। यही लापरवाही लोगों को संक्रमण की गिरफ्त में ला रही है और जिले में आए दिन कोविड के मामले बढ़ते जा रही हैं। मास्क न लगाने वालों के खिलाफ कहीं भी कोई सख्ती प्रशासन की तरफ से नहीं बरती जा रही है। इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ. वीरेन्द्र यादव ने कहा कि संक्रमण का खतरा टला नहीं है। लोगों को एहतियात के सभी उपायों का पालन करना चाहिए। मुंह पर मास्क, दो गज दूरी और टीका ही संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
टीका नहीं लगवा रहे लोग
संक्रमण से सुरक्षित रखने में टीकाकरण का भी अहम योगदान है। स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से उनकी लंबित डोज लगवाने की अपील कर रहा है। घर-घर स्वास्थ्यकर्मियों को भेज कर भी लोगों को संक्रमण रोधी टीके लगाए जा रहे हैं, लेकिन बावजूद लोग टीका लगवाने के लिए खुद कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जिले में लगभग ढाई लाख लोगों को बूस्टर डोज लगना अभी लंबित है। चिकित्सकों के अनुसार टीका लगवाने के बाद व्यक्ति के शरीर पर संक्रमण का प्रकोप उतना नहीं होता जितना उस व्यक्ति पर होता है जिसमें एंटीबॉडी नहीं बनी होती।
सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रखा जा रहा ध्यान
दो गज दूरी संक्रमण से बचाव के मूलमंत्रों में से एक है, लेकिन इन दिनों कोई भी इसका ध्यान नहीं रख रहा है। जहां पहले संक्रमण का खतरा बढ़ने पर बाजारों और अन्य स्थानों पर दो गज दूरी का ध्यान रखते हुए जमीन पर गोले बना दिए जाते थे और लोग उनमें खड़े होते थे, समय के साथ ये गोले गायब हो गए हैं। बाजार में भीड़ के बीच लोग एक दूसरे से सट कर खड़े रहते हैं। त्योहारी सीजन होने के कारण शाम के समय बाजार में अधिक भीड़ के कारण इन दिनों एक दूसरे से एक इंच दूरी बना पाना भी मुश्किल हुआ पड़ा है। ऐसे में एक दूसरे के संपर्क में आने से संक्रमण तेजी से दबे पांव फिर अपने पैर पसारने लगा है। ऐसे में लोगों को अब भी सतर्क रहने की जरूरत है।
सरकारी कार्यालयों में भी अनदेखी का आलम
सरकारी विभागों के दरवाजों से सैनिटाइजर गायब हो गए हैं। दरवाजों पर व्यक्ति के शरीर का तापमान मापने के लिए जो दरबान और मशीनें लगाई गई थीं, वे भी हटा दिए गए हैं। लघु सचिवालय से लेकर नगर निगम, नागरिक अस्पताल आदि कार्यालयों में लोग चिपक कर लाइनों में धक्के खा रहे हैं।