NINL Privatization: सरकार ने एक और बड़ी कंपनी को निजी हाथों में सौंप दिया है. इस बार सरकारी कंपनी नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) की कमान दिग्गज बिजनेस मैन रतन टाटा के हाथ में दी गई है. हालांकि सरकार की निजीकरण नीति का विरोध भी हुआ. पिछले दो साल से बंद पड़ी इस कंपनी के अक्टूबर में फिर से शुरू होने की उम्मीद है.
30 मार्च 2020 से बंद है कंपनी
आपको बता दें यह कंपनी घाटे में चल रही थी और इसका प्लांट 30 मार्च, 2020 से बंद है. लेकिन अब रतन टाटा के हाथों में जाने के बाद इस कंपनी की किस्मत बदलने लगी है और यह खुलने के लिए तैयार है. टाटा स्टील के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन ने बताया कि नीलाचल इस्पात के कारखाने को अगले तीन महीने में शुरू करने का लक्ष्य है.
ये भी पढ़ें:-How To Become Crorepati: करोड़पति बनना है तो नौकरी मिलते ही शुरू कर दें ये काम, निराश नहीं होंगे
फिलहाल मौजूदा कर्मचारियों से शुरू करेंगे काम
मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन ने बताया कि फिलहाल मौजूदा कर्मचारियों के साथ काम करने और दो साल से बंद पड़े कारखाने को दोबारा से शुरू करने की तैयारी चल रही है. हमें अक्टूबर तक उत्पादन शुरू होने और अगले 12 महीने में स्थापित क्षमता हासिल कर लेने की उम्मीद है.
क्षमता बढ़ाकर 50 लाख टन करने की तैयारी
इसके अलावा टाटा स्टील एनआईएनएल की क्षमता बढ़ाकर 50 लाख टन करने और इसके लिये जरूरी मंजूरी हासिल करने को लेकर भी कदम उठाएगी. गौरतलब है कि ओडिशा स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) को टाटा ग्रुप (Tata Group) की एक फर्म को सौंपा गया है.
ये भी पढ़ें:-Parenting Tips: क्या आपका बच्चा भी इस्तेमाल कर रहा है ये Apps, मेंटल हेल्थ हो रही है प्रभावित
कंपनी पर 6,600 करोड़ से ज्यादा का कर्ज
एक अधिकारी ने बताया कि टाटा स्टील की यूनिट टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (TSLP) ने जनवरी में 12,100 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर एनआईएनएल में 93.71 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की बोली जीती थी. नीलाचल इस्पात का कलिंगनगर, ओडिशा में 1.1 मीर्टिक टन क्षमता वाला एक इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट है. यह सरकारी कंपनी भारी घाटे में चल रही है और यह प्लांट 30 मार्च, 2020 से बंद है. कंपनी पर 31 मार्च 2021 तक 6,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज और देनदारियां हैं.