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शेयर बाजार

अभी दो तिमाही और ठंडा रहेगा आईपीओ बाजार, उतार-चढ़ाव से अटके 1.6 लाख करोड़ के पब्लिक इश्‍यू

IPO

70 कंपनियों ने सेबी की मंजूरी मिलने के बाद भी अपने आईपीओ (IPO) लॉन्‍च नहीं किए हैं. इन आईपीओ के माध्‍यम से कंपनियों का इरादा 1.05 लाख करोड़ रुपये बाजार जुटाने का है. यही नहीं 43 कंपनियों ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास दस्‍तावेज भी जमा करा रखे हैं. इन आईपीओ के माध्‍यम से ये कंपनियां 58,977 करोड़ रुपये जुटाना चाहती हैं.

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नई दिल्‍ली. भारतीय शेयर बाजार (Stock market) काफी लंबे समय से अस्थिरता की गिरफ्त में है. बाजार के अभी आगे दो तिमाही तक और जोर पकड़ने की उम्‍मीद नहीं है. बाजार की मंदी का असर आईपीओ (IPO) पर पड़ा है. यही कारण है कि 70 कंपनियों ने सेबी की मंजूरी मिलने के बाद भी अपने आईपीओ लॉन्‍च नहीं किए हैं. इन आईपीओ के माध्‍यम से कंपनियों का इरादा 1.05 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का है.

लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्केट रिसर्च फर्म डेटाबेस का कहना है कि 43 कंपनियों ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास दस्‍तावेज भी जमा करा रखे हैं. इन आईपीओ के माध्‍यम से ये कंपनियां 58,977 करोड़ रुपये जुटाना चाहती हैं. इस तरह 113 आईपीओ लिस्टिंग के लिए तैयार हैं. लेकिन, बाजार की खराब हालत और एलआईसी व पेटीएम जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों की खराब स्थिति से कंपनियों की हिम्‍मत अपना इश्‍यू लॉन्‍च करने की नहीं हो रही है.

मार्च तक क्लियर नहीं होगा बैकलॉग

इनवेस्‍टमेंट बैंकर्स का कहना है कि पब्लिक लिस्टिंग का यह बैकलॉग मार्च तिमाही तक रह सकता है. उनका कहना है कि आईपीओ का बैकलॉग ऐतिहासिक है. ऐसा बैकलॉग पहले कभी नहीं देखा गया है और इसके जल्‍द क्लियर होने की कोई उम्‍मीद नहीं है. पिछले साल मार्केट में उछाल देखा गया था. इसी को देखते हुए बहुत सी कंपनियों ने आईपीओ के लिए सेबी के पास दस्‍तावेज जमा कराए थे. लेकिन, साल 2022 शुरू होते ही स्थितियां उलट गईं और मार्केट में मंदी आ गई. इसी कारण कंपनियों ने इश्‍यू लॉन्‍च टाल दिए. इससे आईपीओ बैकलॉग बढ़ गया.

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पिछले साल आईपीओ से जुटाए थे 1.12 लाख करोड़ 

साल 2021 में कपनियों ने 1.12 लाख करोड़ रुपये आईपीओ के जरिए जुटाए थे. लेकिन, इस साल वैश्विक परिस्थितियों के कारण सारे देशों के बाजारो में अस्थिरता है. इससे निवेशकों का मूड बदला हुआ है. जिन आईपीओ को मंजूरी मिल चुकी है, अगर वे लंबे समय तक लॉन्‍च नहीं होंगे तो उनके पेपर एक्‍सपायर हो जाएंगे. इससे कंपनियों को दोबारा ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रॉस्‍पेक्‍ट्स दाखिल करना पड़ेगा. कुछ प्रमुख आईपीओ जो पाइपलाइन में हैं, उनमें टीबीओ टेक लिमिटेड, फैब इंडिया, आधार हाउसिंग फाइनेंस, गो एयरलाइंस, जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया, फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस, टीवीएस सप्लाई चेन, पेन्ना सीमेंट और केएफआईएन टेक्नोलॉजीज शामिल हैं.

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