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1947 to 2022: चावल 12 पैसे किलो, चीनी 40 पैसे किलो, पेट्रोल 25 पैसे लीटर…

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देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है. सरकार ने इस के मौके पर 20 करोड़ घरों पर तिरंगा लहराने का लक्ष्य रखा था. आज हर घर तिरंगा लहरा रहा है. पिछले 75 वर्षों में देशवासियों ने कई उतार-चढ़ाव देखे. इन 75 वर्षों में देश ने तरक्की की नई कहानी गढ़ी है. तमाम अड़चनों के बावजूद भारत तेजी के आर्थिक विकास की राह पर अग्रसर है. अब 5 ट्रिलियन भारतीय इकोनॉमी की बात हो रही है.

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दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Indian Economy) चीन से भी तेज रफ्तार से तरक्की करने के संकेत भारतीय अर्थव्यवस्था दे रही है. ब्लूमबर्ग और SBI रिसर्च की रिपोर्ट में भारत को मंदी के खतरे से सुरक्षित करार दिया है. 

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव  

वहीं मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया गया है कि 2022-23 में भारत एशिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर सकता है. आजादी के जश्न के बीच हम आपके लिए कुछ खास आंकड़े लेकर आए हैं, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. उस समय एक-दो पैसे का भी खासा महत्व था. एक रुपये में ढेर सारी चीजें हो जाती थीं. आइए 1947 से आज कुछ चीजों की तुलना करते हैं. खासकर चावल, चीनी, आलू, दूध, सोना और पेट्रोल के भाव को बताते हैं.

सोना 75 साल में काफी हुआ महंगा

आज 10 ग्राम सोने (Gold) की कीमत 52000 रुपये के करीब है. जबकि 1947 में 10 ग्राम गोल्ड का भाव महज 88.62 रुपये था. फिलहाल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से जनता परेशान है. दिल्ली में फिलहाल पेट्रोल 96.72 रुपये लीटर है, जबकि 75 साल पहले 1947 में एक लीटर पेट्रोल की कीमत केवल 27 पैसे थी. 

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      वस्तुएं     साल-1947   साल-2022
           चावल   12 पैसे प्रति किलो   40 रुपये प्रति किलो
           चीनी     40 पैसे प्रति किलो   42 रुपये प्रति किलो
          आलू     25 पैसे प्रति किलो   25 रुपये प्रति किलो
          दूध (फुल क्रीम)    12 पैसे प्रति लीटर   60 रुपये प्रति लीटर
          पेट्रोल    25 पैसे प्रति लीटर   97 रुपये प्रति लीटर
         साइकिल    20 रुपये   8000 रुपये 
 फ्लाइट किराया (दिल्ली से मुंबई)    140 रुपये   करीब 7000 रुपये
         सोना (10gm)    88.62 रुपये   52000 रुपये 

आबादी भी तेजी से बढ़ी

जब हम आजाद हुए थे तब देश की आबादी 34 करोड़ के आसपास थी. 1951 में देश की पहली जनगणना हुई. उस वक्त हमारी आबादी 36 करोड़ से थोड़ी ही ज्यादा थी. आखिरी बार  2011 में जनगणना हुई थी, तब आबादी बढ़कर 121 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, आधार बनाने वाली संस्था UIDAI ने जुलाई 2022 तक देश की आबादी 137.29 करोड़ से से ज्यादा होने का अनुमान लगाया है.  

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