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जेट ईंधन की कीमतों में 12 फीसदी की कमी, क्या सस्ती होगी हवाई यात्रा या करना होगा इंतजार?

अंतरराष्ट्रीय तेल दरों की दरों के आधार पर हर महीने की पहली और 16 तारीख को एटीएफ की कीमतों में संशोधन किया जाता है. 1 जुलाई को दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था. एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में 12 प्रतिशत की कटौती के बाद, दिल्ली में इसका रेट 1,21,915.57 रुपए प्रति किलोलीटर हो गया.

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नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से जेट ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में सोमवार को 12 फीसदी की कमी की गई. एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में 12 प्रतिशत की कटौती के बाद, दिल्ली में इसका रेट  1,21,915.57 रुपए प्रति किलोलीटर हो गया जो 16 जुलाई को 138,147.93 प्रति किलोलीटर थी.

अंतरराष्ट्रीय तेल दरों की दरों के आधार पर हर महीने की पहली और 16 तारीख को एटीएफ की कीमतों में संशोधन किया जाता है. 1 जुलाई को दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था. मुंबई में एटीएफ की कीमत ₹1,20,875.86 प्रति किलोलीटर है. कोलकाता में यह ₹1,28,425.21 प्रति किलोलीटर मिल रही थी लेकिन नए संशोधन के बाद एटीएफ प्रति किलोलीटर ₹1,26,516.29 पर आ गया.

साल की तीसरी कटौती
इस साल दरों में यह तीसरी कटौती है. जून में कीमतें ₹141,232.87 प्रति किलोलीटर (₹141.23 प्रति लीटर) पर पहुंच गई थीं. इससे पहले, कीमतों में अब तक की सबसे तेज 16 फीसदी की बढ़ोतरी की गई और उसके बाद रेट ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए थे.

अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में नरमी 
प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका के बाद से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में नरमी आई है. तेल की कीमतें यूक्रेन युद्ध पूर्व के स्तर पर हैं. हवाई जहाज को उड़ान भरने में मदद करने वाले ईंधन की कीमत में 16 जून को 19,757.13 रुपये प्रति किलोलीटर की वृद्धि की गई थी. इसके बाद 1 जून को दर में मामूली 1.3 प्रतिशत (₹1,563.97 प्रति किलोलीटर) की कटौती हुई.

इस साल कुल 11 बार बढ़ोतरी
इस साल की शुरुआत से जेट ईंधन में अब तक कुल 11 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है. इससे छह महीने में दरें लगभग दोगुनी हो गई हैं. एक एयरलाइन की परिचालन लागत का लगभग 40 प्रतिशत जेट ईंधन का हिस्सा होता है. कीमतों में बढ़ोतरी के साथ हवाई किराया भी बढ़ गया. अब सवाल यह है कि जेट ईंधन में कमी के बाद क्या हवाई किराया सस्ता होगा.

यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही
इससे पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ते विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों ने भारतीय एयरलाइन्स को नुकसान पहुंचा रही थीं.  अब घटती महामारी के बीच यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही है. पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में, रेटिंग एजेंसी ICRA ने कहा कि महामारी के बाद यात्रियों की संख्या में सुधार हो रहा है.

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यात्रियों की बढ़ती संख्या और घटती जेट ईंधन की कीमत से अब एयरलाइन्स को फायदा हो रहा है. लिहाजा अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि हवाई किराया में कमी की उम्मीद की जा रही है लेकिन कंपनियां अब महामारी वाला घाटा कम करने में लगी है. अब यह देखना होगा कि कीमतों में कब तक कमी होगी.

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