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हेल्थ

कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने की वजह नींद का बार-बार टूटना तो नहीं? ऐसे करें बचाव

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कई रिसर्च में पाया गया है कि अगर आप जरूरत के मुताबिक नहीं सोते हैं तो इसका असर आपकी सेहत पर कुछ ही दिनों में नजर आने लगता है. अगर आपकी नींद रात में बार-बार टूटती है तो भी आपके शरीर में बैड कोलेस्‍ट्रॉल यानी एलडीएल तेजी से बढ़ सकता है.

Sleep Habits To Control Cholesterol: अगर आप मोबाइल या लैपटॉप पर देर रात तक फिल्‍में या एपिसोड देखना पसंद करते हैं तो आपको बता दें कि ये आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक आदत हो सकती है. अच्‍छे हेल्‍थ के लिए जरूरी है कि आप रात में अच्‍छी नींद लें. अगर आप नींद पर्याप्‍त नहीं लेते हैं तो इससे आपको कई तरह की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. इन्‍हीं बीमारियों में से एक है हाई कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या. इसकी वजह से आप आसानी से हार्ट, किडनी, ब्रेन से संबंधित गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. मेडिकल न्‍यूज टुडे के मुताबिक, आपकी नींद आपके शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित या अनियंत्रित कर सकता है. कई शोध में पाया गया है कि आमतौर पर वयस्‍कों को रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करने का लक्ष्‍य रखना चाहिए. हालांकि यह आपकी उम्र के हिसाब से घट या बढ़ सकता है.

इस तरह बढ़ता है बैड कोलेस्ट्रॉल
कई रिसर्च में यह पाया गया है कि अगर आप जरूरत के मुताबिक नहीं सोते हैं तो इसका असर आपकी सेहत पर कुछ ही दिनों में नजर आने लगता है. यही नहीं, अगर आपकी नींद रात में कमजोर रहती है और बार बार टूटती है तो भी आपके शरीर में बैड कोलेस्‍ट्रॉल यानी एलडीएल तेजी से बढ़ सकता है. हालांकि शोधकर्ता इस विषय पर अभी भी शोध कर रहे हैं कि आखिर नींद कोलेस्‍ट्रॉल को किस तरह और क्‍यों प्रभावित करती है.

एचडीएल होता है कम
शोधों में ये भी पाया गया कि जिन लोगों ने रात में बेहतर नींद नहीं लिया या लगातार कम सोए, उनके शरीर में एचडीएल की मात्रा कम पाई गई. हालांकि यह भी पाया गया कि जो लोग बहुत कम सोए या बहुत अधिक सो गए, उनका भी एचडीएल काफी कम पाया गया.

क्‍या है कोलेस्‍ट्रॉल?
रक्‍त के अंदर मिलने वाला मोम जैसा पदार्थ कोलेस्ट्रॉल होता है जो सेल्‍स को हेल्‍दी रखने और नए सेल्‍स के निर्माण में मदद करता है. लेकिन जब ये जरूरत से अधिक बढ़ जाता है तो यह हार्ट और किडनी डिजीज की वजह बन जाता है.

इस तरह करें कोलेस्‍ट्रॉल कंट्रोल
खाने में ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट, बिना फाइबर वाले फूड, व्‍यायाम या वर्कआउट ना करना, घंटों एक जगह बैठकर काम करना, स्‍मोकिंग, ड्रिंकिंग आदि के सेवन से हाई कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या हो सकती है.

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