पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या जैसी छोटी बचत योजनाओं में पैसे लगाने वाले निवेशकों को मोदी सरकार जल्द बड़ा तोहफा दे सकती है. सरकारी प्रतिभूतियों की बढ़ती यील्ड को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि अब छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी इजाफा होगा. कोरोनाकाल से करीब 9 तिमाहियों से इनकी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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नई दिल्ली. छोटे निवेशकों के लिए बड़ी खबर है. पिछली 9 तिमाहियों से स्थिर पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दरों में जल्द ही इजाफा हो सकता है. अभी पीपीएफ पर सालाना 7.1 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है. दरअसल, सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज दरें लगातार बढ़ रही हैं और इसे देखते हुए पीपीएफ पर भी ब्याज बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं.
सरकारी प्रतिभूतियों पर मौजूदा ब्याज दर 7.3 फीसदी है, जो पीपीएफ से ज्यादा है. जनवरी, 2022 में प्रतिभूतियों पर ब्याज दर 6.5 फीसदी और जून में 7.6 फीसदी थी. छोटी बचत योजनाओं पर सितंबर तक 9 तिमाहियों से लगातार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज दरें बढ़ने के बाद पीपीएफ, सहित कई छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें निगेटिव में जा चुकी हैं. लिहाजा इस महीने के आखिर में होने वाली बैठक में इनकी ब्याज दरें बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है.
नई दिल्ली. छोटे निवेशकों के लिए बड़ी खबर है. पिछली 9 तिमाहियों से स्थिर पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दरों में जल्द ही इजाफा हो सकता है. अभी पीपीएफ पर सालाना 7.1 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है. दरअसल, सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज दरें लगातार बढ़ रही हैं और इसे देखते हुए पीपीएफ पर भी ब्याज बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं.
सरकारी प्रतिभूतियों पर मौजूदा ब्याज दर 7.3 फीसदी है, जो पीपीएफ से ज्यादा है. जनवरी, 2022 में प्रतिभूतियों पर ब्याज दर 6.5 फीसदी और जून में 7.6 फीसदी थी. छोटी बचत योजनाओं पर सितंबर तक 9 तिमाहियों से लगातार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज दरें बढ़ने के बाद पीपीएफ, सहित कई छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें निगेटिव में जा चुकी हैं. लिहाजा इस महीने के आखिर में होने वाली बैठक में इनकी ब्याज दरें बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है.
न डरें और न लालच में आएं
नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) बजाज फिनसर्व का शेयर के स्प्लिट और बोनस के लिए रिकॉर्ड डेट 14 सितंबर है. आज इसके शेयर स्प्लिट भाव पर ट्रेड हो रहे हैं. एक शेयर के बदले निवेशकों को 10 शेयर मिलेंगे, लेकिन उन शेयरों का रेट भी 10 गुना कम होगा. नितिन कामत ने ट्वीट करते हुए कहा कि जब भी कोई शेयर स्प्लिट होता है तो निवेशकों में पैनिक (डर) या फिर ग्रीड (लालच) फैल जाता है. जिनके पास है, उन्हें रेट कम होने की चिंता होने लगती है, जिनके पास नहीं है वे उसे कम रेट पर उठा लेने के बारे में सोचते हैं.
आज, मंगलवार को 12:51 बजे एनएसई पर बजाज फिनसर्व का शेयर 1,786 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, जबकि कल यही शेयर 17,138.05 रुपये पर बंद हुआ था. हालांकि बोनस शेयर या फिर स्प्लिट होने की घोषणा के बाद से ही बजाज फिनसर्व के शेयर में अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली थी. आज स्प्लिट होने के बाद भी यह शेयर अपने खुलने के प्राइस से ऊपर ही ट्रेड कर रहा है.
तो बजाज फिनसर्व के निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशकों को समझना चाहिए कि एक बोनस इश्यू और स्टॉक स्प्लिट सिर्फ शेयरों की संख्या बढ़ाता है और इसका मतलब यह नहीं है कि स्टॉक सस्ता हो गया है. इसका आपके निवेश के मूल्य या कंपनी के सिद्धांतों पर कोई असर नहीं पड़ता है. पहले यदि बाजार में उस कंपनी के 100 शेयर थे तो अब शेयर ज्यादा और प्राइस कम हो जाएंगे. कंपनी की वैल्यू उतनी ही रहेगी.
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उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपके पास एक स्टॉक है, जिसकी फेस वैल्यू 10 रुपये है और शेयर का प्राइस 500 रुपये है. यदि वह 2:1 में स्प्लिट होता है तो फेस वैल्यू 5 रुपये हो जाएगी और शेयर का प्राइस 250 रुपये पर आ जाएगा. यदि आपने 500 रुपये के हिसाब से 10 शेयर खरीदे थे तो अब आपके पास 250 रुपये की कीमत के 20 शेयर होंगे. मतलब आपका निवेश पहले भी 5 हजार रुपये था और अब भी इतना ही है.