आने वाले महीने में ऐसा अनुमान है कि आयकर संग्रह में बढ़त जारी रहेगी। आसान होते कंप्लायंस और कंपनियों के बढ़ते फायदे के साथ-साथ त्योहारी मौसम में कारोबार बढ़ने से ऐसा होगा। आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से कॉरपोरेट टॉैक्स और पर्सनल इनकम टैक्स (पीआईटी) में भी बढ़त दिखी है।
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डेलॉय इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि टैक्स बढ़ने का कारण कंप्लायंस के आसान होने का सीधा असर आयकर रिटर्न में भी दिखा है। पिछले वित्त वर्ष के लिए अभी भी कॉरपोरेट टैक्स रिटर्न दाखिल किया जाना है। अग्रिम कर संग्रह के मजबूत रुझान से कंपनियों की आय का पता चलता है।
ऊंची महंगाई से मिली मदद
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ईवाई इंडिया टैक्स एवं रेगुलेटरी सेवाओं के भागीदार सुधीर कपाड़िया ने कहा कि ऊंची महंगाई के कारण उपभोक्ता कीमतों में बड़ोतरी से कुछ हद तक मदद मिली है। पीआईटी में जोरदार बढ़त से पता चलता है कि व्यक्तिगत आय बढ़ रही है और साथ ही प्रोपराइटरी और पार्टनशिप कारोबार भी तेजी में है।
कॉरपोरेट टैक्स 4.36 लाख करोड़
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इस साल अप्रैल से मध्य सितंबर तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.36 लाख करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 30 फीसदी बढ़ा है। 4.36 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स था जबकि 3.98 लाख करोड़ रुपये पीआईटी था। हालांकि, इसमें 1.35 लाख करोड़ रुपये टैक्स का रिफंड भी किया गया, जिससे शुद्ध संग्रह 7 लाख करोड़ रुपये था। इस आधार पर वृद्धि 23 फीसदी रही। इस समय हर महीने औसतन 1.40 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन है।