केंद्रीय कैबिनेट में फैसला लिया गया है कि देश की तीन पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों को 22,000 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान इन कंपनियों द्वारा लोगों को लागत मूल्य से कम पर रसोई गैस देने के कारण हुए घाटे की भरपाई के लिए दिया जा रहा है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को घरेलू एलपीजी के घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त सहायता देगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अनुदान को मंजूरी दी है. गौरतलब है कि इन कंपनियों ने पिछले 2 साल में लागत से कम मूल्य पर घरेलू एलपीजी बेची है जिसकी भरपाई के लिए इन्हें मदद मुहैया कराई जा रही है.
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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुद बताया कि ये कंपनियां पिछले दो साल से घरेलू गैस को लागत से कम मूल्य पर बेच रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बैठक में तीन पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों – इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) कोअनुदान देने की मंजूरी दी.
कब से कब तक के लिए अनुदान
यह अनुदान जून, 2020 से जून, 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा. तीनों कंपनियां उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा नियंत्रित कीमतों पर घरेलू एलपीजी बेचती हैं. गौरतलब है कि जून, 2020 से जून, 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
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उपभोक्ताओं को बचाने का रहा प्रयास
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उनपर कीमतों में तेजी का पूरा भार नहीं डाला गया था. बयान में कहा गया कि इस दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में केवल 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इस वजह से इन तीनों कंपनियों को उल्लेखनीय नुकसान हुआ.
घाटे के बावजूद निर्बाध रखी आपूर्ति
आधिकारिक बयान में आगे कहा गया कि इस घाटे के बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों ने देश में रसोई गैस की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है. इसलिए सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए अनुदान देने का निर्णय लिया है।. सरकार ने कहा कि इस फैसले से पेट्रोलियम क्षेत्र की पीएसयू को आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने में मदद मिलेगी और बिना किसी बाधा के घरेलू एलपीजी आपूर्ति सुनिश्चित होगी.