पीएनबी के साथ करीब 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे मेहुल चोकसी की मुसीबत और बढ़ गई है. अब बाजार नियामक सेबी ने उन्हें 10 साल के लिए ट्रेडिंग से बैन कर दिया है. सेबी ने यह कदम गीतांजलि जेम्स के शेयरों की फर्जी तरीके से ट्रेडिंग कराने और उसकी कीमत चढ़ाने के मामले को लेकर उठाया है.
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नई दिल्ली. भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी पर अब बाजार नियामक सेबी ने भी कड़ी कार्रवाई की है. सेबी ने सोमवार को जारी एक आदेश में मेहुल चोकसी पर 10 साल के लिए सिक्योरिटी बाजार में ट्रेडिंग से बैन लगा दिया है. साथ ही 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि चोकसी को जुर्माने की रकम 45 दिनों के भीतर जमा करानी होगी.
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) ने यह कार्रवाई गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के शेयरों में फर्जी तरीके से कारोबार करने को लेकर की गई है. चोकसी गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर थे और समूह के प्रवर्तकों में भी शामिल थे. चोकसी एक अन्य भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के मामा हैं और दोनों पर पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी से 14 हजार करोड़ का लोन फर्जीवाड़ा करने का भी आरोप है. पीएनबी घोटाले के बाद ही साल 2018 में दोनों का नाम सामने आया था. चोकसी फिलहाल एंटीगुआ और बरबूडा में है, जबकि नीरव मोदी अभी ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत के प्रत्यर्पण मांग को चैलेंज कर रहा है.
एक दशक पुराना है मामला
सेबी ने गीतांजलि जेम्स के शेयर बाजार में कारोबार को लेकर जुलाई 2011 से जनवरी 2012 के बीच जांच की थी. इसके बाद चोकसी को मई, 2022 में कारण बताओ नोटिस भेजा गया, जिसमें उन्हें गलत तरीके से ट्रेडिंग का दोषी पाया गया था. इसके बाद सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि चोकसी ने 15 कंपनियों को फंडिंग की है, जिन्हें फ्रंट इंटीटीज कहा गया और चोकसी इन कंपनियों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे. इस दौरान चोकसी ने इन कंपनियों को 74.44 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, जिसमें से 13.34 करोड़ रुपये का इस्तेमाल फर्जी तरीके से ट्रेडिंग में किया गया.
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
सेबी ने बताया कि चोकसी ने गीतांजलि जेम्स के शेयरों को गलत तरीके से बाजार में पेश किया. उन्होंने फ्रंट इंटीटीज के जरिये इस कंपनी के शेयरों को कॉर्नर किया और सामान्य निवेशकों के लिए बाजार में कम शेयर छोड़े. इससे फर्जी तरीके से शेयरों की कीमतों में उछाल देखा गया, जो भेदिया कारोबार की श्रेणी में आता है. सेबी के अनुसार, जून 2011 में सामान्य निवेशकों के लिए गीतांजलि जेम्स के 28.96 फीसदी शेयर उपलब्ध थे, जो सितंबर 2011 में घटकर 19.71 फीसदी रह गए. इतना ही नहीं जांच पूरी होने के बाद कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़कर 25.36 फीसदी हो गई.
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क्या है आदेश में
सेबी के स्थायी सदस्य अश्विनी भाटिया ने अपने आदेश में कहा है कि जांच में मेहुल को गीतांजलि जेम्स के शेयरों की फर्जी तरीके से ट्रेडिंग कराने और उसके भाव चढ़ाने का दोषी पाया गया है और उन पर बाजार नियमों के उल्लंघन का मामला बनता है. लिहाजा चोकसी को 10 साल के लिए सिक्योरिटी बाजार में ट्रेडिंग से बैन लगाया जाता है. साथ ही उन्हें 45 दिन के भीतर जुर्माने की राशि जमा करने का भी आदेश दिया जाता है.