कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पास लंबित पड़े करीब 24 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के मामले जल्द निपटने की उम्मीद जगी है. संगठन ने करीब तीन दर्जन यंग पेशेवरों की नियुक्ति की है जो देशभर में लंबित 31 हजार से ज्यादा विवादों को सुलझाने में सरकार व संगठन की मदद करेंगे.
नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने हजारों कर्मचारियों को जल्द खुशखबरी देने वाला है. ईपीएफओ ने विवादित मामलों के जल्द निपटाने के लिए 35 यंग प्रोफेशनल्स भर्ती किए हैं. इनका काम कानूनी पचड़ों में फंसे कर्मचारियों के विवादों का जल्द निपटारा करना और उन्हें उनके पैसे वापस दिलाना है. ईपीएफओ के पास विभिन्न मामलों से जुड़े हजारों विवाद कानूनी पचड़े में फंसे हैं.
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ईपीएफओ ने इस मामले की घोषणा इस साल मार्च में की थी और यंग प्रोफेशनल्स का पहला बैच जल्द ही काम शुरू करने वाला है. संगठन का कहना है कि फिलहाल यंग पेशेवरों की मदद कर्मचारियों के सर्विस मैटर से जुड़े मामलों व इसी तरह के अन्य केस में ली जाएगी और अगर यह प्रयोग सफल रहा तो आगे पब्लिसिटी, फाइनेंस और सोशल मीडिया सेक्टर में भी उनकी मदद ली जाएगी.
अभी कितने मामले पेडिंग
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पास देश के विभिन्न कोर्ट में सर्विस से जुड़े 31 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं. यह मामले ईपीएफओ के 24 हजार कर्मचारियों से जुड़े हैं जो सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल और अन्य अदालतों में चल रहे हैं. सरकार ने भी इस बारे में ईपीएफओं को सुझाव दिया था कि कानूनी पचड़ों में फंसे कर्मचारियों के विवादों को निपटाने के लिए यंग पेशेवरों की भर्तियां की जानी चाहिए.
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सिर्फ 11 महीने के लिए नियुक्ति
ईपीएफओ ने फिलहाल यंग प्रोफेशनल्स की नियुक्ति सिर्फ 11 महीने के लिए करने की बात कही है. अगर यह प्रभावी रहा तो आगे अन्य मामलों में भी उनकी मदद ली जाएगी. यंग प्रोफेशनल्स को सिर्फ सरकारी संस्थाओं से जुड़े कार्यों में ही नहीं लगाया जाएगा, बल्कि इनकी मदद अन्य शोध और प्रतिभा विश्लेषण वाले मामलों में भी ली जाएगी. ईपीएफओ सिर्फ यंग प्रोफेशनल्स ही नहीं, बल्कि अपनी पूरी लीगल टीम की मदद कानूनी पचड़ों में फंसे मामले निपटाने ले रहा है, ताकि तय समय सीमा के भीतर ही इसका निपटारा किया जा सके.
क्यों बनाई ऐसी रणनीति
सरकार ने ईपीएफओं को कानूनी मदद देने के लिए यंग प्रोफेशनल्स की भर्ती करने का सुझाव इसलिए दिया है, ताकि कम खर्च में बेहतर सुविधा का लाभ उठाया जा सके. ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्यों ने यंग प्रोफेशनल्स का चुनाव करने के पीछे तर्क दिया है कि बाहर से लीगल एक्सपर्ट हायर करने पर ज्यादा फीस चुकानी पड़ती है, जबकि यंग प्रोफेशनल्स पर आने वाला खर्च इससे काफी कम होता है.