Rajasthan Politics: राजस्थान में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलकर पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधा है. उन्होंने एक इंटरव्यू में पायटल को 6 बार गद्दार कहा. उन्होंने कहा कि एक गद्दार कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता. जिस व्यक्ति के पास दस विधायकों का साथ नहीं, जिसने पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया हो, वह सीएम नहीं बन सकता.
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार सियासी बवाल को हवा दी है. उन्होंने पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट को एक बार नहीं 6 बार ‘गद्दार’ बताया. दरअसल, पायटल गुट लगातार उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहा है. उनकी मांग को सीएम गहलोत ने स्पष्ट नकार दिया. उन्होंने कहा कि एक गद्दार कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता.
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान कभी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता. जिस व्यक्ति के पास दस विधायकों का साथ नहीं, जिसने पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया हो, वह सीएम नहीं बन सकता. साल 2020 के सचिन पायलट के विद्रोह को लेकर गहलोत ने कहा कि उस विद्रोह के लिए बीजेपी ने फंड दिया था. उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार किसी पार्टी के अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी को नीचा दिखाने की कोशिश की. इसके पीछे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की ताकत थी और इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे.
इस बीच, गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला ने कहा कि अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता तो वह राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करेंगे. बैंसला के इस बयान का सचिन पायलट ने खंडन किया और कहा कि बीजेपी संबंध तोड़ने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहे जितनी कोशिश कर ले, भारत जोड़ो यात्रा सफल रहेगी.
लोकतंत्र में सभी को बात कहने का अधिकार-गहलोत
बैंसला के बयान पर सीएम गहलोत ने कहा कि उनकी सुनवाई होगी. यह लोकतंत्र है और सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है. हम संविधान के आधार पर ही शासन कर रहे हैं और अभिव्यक्ति की आजादी छीनी नहीं जा सकती. अगर उनकी कोई मांग या सलाह है तो हम उसकी सुनवाई करेंगे और समस्या का हल निकालेंगे.
पायलट के सीएम बनने की उम्मीद
बता दें, बैंसला ने कहा था कि गुर्जरों ने कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए वोट दिया. उन्हें लगा कि उनके समाज का कोई शख्स मुख्यमंत्री बनेगा. लोगों ने साल 2018 के चुनाव में बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनवाई. गौरतलब है कि साल 2020 में राज्यसभा के चुनाव से पहले गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश की गई. कई विधायकों ने इस्तीफे दिए और यह माना जा रहा था कि सचिन पायलट गहलोत की जगह ले लेंगे.