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पेटीएम को तगड़ा झटका! आरबीआई ने खारिज किया पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस का आवेदन, क्या होगा असर?

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पेटीएम के अलावा आरबीआई ने केवल मोबीक्विक के आवेदन को ही खारिज किया है. वहीं, रेजरपे, पाइन लैब्स और सीसीएवेन्यूज को नियामकीय अनुमति दी जा चुकी है.

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट सर्विस (पीएसएसएल) द्वारा पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किए आवेदन को खारिज कर दिया है. इसे कंपनी के विस्तार के प्लान को तगड़ा झटका माना जा सकता है. यह आवेदन पेटीएम की सब्सिडरी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड ने किया था. 26 नवंबर को कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी. पेटीएम के अलावा आरबीआई ने केवल मोबीक्विक के आवेदन को ही खारिज किया है.

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वहीं, रेजरपे, पाइन लैब्स और सीसीएवेन्यूज को नियामकीय अनुमति दी जा चुकी है. इसके अलावा बिलडेस्क और पेयू अभी अनुमति का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि आरबीआई दोबारा आवेदन के लिए पेटीएम को 120 कैलेंडर दिन का समय दिया है. गौरतलब है कि पेटीएम ऑनलाइन मर्चेंट्स के लिए पेमेंट एग्रीगेटर बनने की अनुमति मांग रही है.

पेटीएम ने क्या कहा?
पेटीएम ने बीएसई को दी गई जानकारी में कहा, “इससे हमारे बिजनेस और रेवेन्यू पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. आरबीआई का ये आदेश केवल नए ऑनलाइन व्यापारियों को जोड़ने पर लागू होता है. हम नए ऑफलाइन व्यापारियों को ऑनबोर्ड करना जारी रख सकते हैं और उन्हें ऑल-इन-वन क्यूआर, साउंडबॉक्स, कार्ड मशीन, आदि समेत भुगतान सेवाएं दे सकते हैं.” कंपनी ने उसे आगे समय से अनुमति मिलने को लेकर भी संभावना जताई है.

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क्या करना होगा पेटीएम को?
कंपनी को आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पीपीएसएल में पेटीएम से डाउनवर्ड इन्वेस्टमेंट के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी. यह आदेश सरकार के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के निर्देशों को पूरा करने के लिए दिया गया है. इसके अलावा फिलहाल पेटीएम नए ऑनलाइन मर्चेंट्स को अपने साथ नहीं जोड़ सकेगी.

क्या होता है पेमेंट एग्रीगेटर और लाइसेंस क्यों जरूरी?
पेमेंट एग्रीगेटर ग्राहकों से अलग-अलग माध्यमों से पैसा एक जगह कलेक्ट करता है. इसे पूल कहा जाता है. इसके बाद ये रकम मर्चेंट के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. इससे मर्चेंट को अलग-अलग पेमेंट मैथेड से निपटने की जरूरत नहीं पड़ती. यह काम पेमेंट एग्रीगेटर कर देता है. मार्च 2020 में आरबीआई ने यह अनिवार्य कर दिया कि सभी पेमेंट एग्रीगेटर उसके द्वारा अधिकृत होंगे. गैर-वित्तीय संस्थानों को 30 जून 2021 तक पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करने को कहा गया था. इसके बाद ये तिथि बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दी गई थी.

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