विस्तारा एयरलाइंस टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस का जॉइंट वेंचर है. विलय के बाद बनने वाली कंपनी में सिंगापुर एयरलाइंस की करीब 25 फीसदी की हिस्सेदारी होगी.
नई दिल्ली. विस्तार और एयर एंडिया का 2024 तक विलय हो जाएगा. टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच इस विलय को लेकर सहमति बन गई है. डील के तहत सिंगापुर एयरलाइंस एयर इंडिया में 2058 करोड़ का निवेश करेगी. सिंगापुर एयरलाइंस ने मंगलवार को इस संबंध में एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है. गौरतलब है कि विस्तारा सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा संस का जॉइंट वेंचर है.
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सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि अगर भविष्य में एयरलाइन के परिचालन को और बेहतर करने के लिए फंड की जरूरत पड़ेगी तो ये दोनों कंपनियां उसे मुहैया कराएंगी. बता दें कि वर्तमान में विस्तारा में टाटा की 51 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि 49 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर एयरलाइंस के पास है.
दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन
इस मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी होगी. गौरतलब है कि पिछले काफी समय इस बात की चर्चा चल रही थी कि टाटा एयर इंडिया और विस्तारा का विलय कर सकती है. गौरतलब है कि यह विलय नियामकीय मंजूरियों पर भी निर्भर करता है. खबरों के अनुसार, इसके अलावा टाटा संस एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को भी मर्ज करने की योजना पर काम कर रही है. इस मर्जर को सीसीआई की मंजूरी भी मिल चुकी है.
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इसी साल हुई थी घर वापसी
टाटा संस ने अक्टूबर 2021 में 18000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर एयर इंडिया को सरकार से खरीद लिया था. सरकार ने अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए 12906 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइस रखा था. टाटा संस ने इसी साल जनवरी में एयरलाइन का परिचालन औपचारिक रूप से अपने हाथों में ले लिया था. इस अधिग्रहण को एयर इंडिया की टाटा के पास घर वापसी के रूप में देखा गया था. बता दें कि एयर इंडिया की स्थापना भी टाटा ग्रुप ने ही की थी. इसे 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से शुरू किया गया था जिसे बदलकर 1946 में एयर इंडिया कर दिया गया. इसके बाद 1953 में सरकार ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था. हालांकि, जेआरडी टाटा 1977 तक इसके चेयरमैन रहे थे.