All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

कैसे गेम चेंजर होगा डिजिटल रूपया, SBI के चैयरमेन ने किया एक्सप्लेन

नई दिल्ली. एसबीआई के चैयरमेन दिनेश खारा ने कल यानी शुक्रवार को कहा कि खुदरा डिजिटल रुपये के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की पहली पायलट परियोजना टिकाऊ प्रभावों के साथ एक गेम चेंजर साबित होगी. क्योंकि यह एक वर्चुअल करेंसी है जो मौजूदा करेंसी की उपलब्ध सेवाओं से आगे बढ़ाकर इनोवेशन के लिए प्रेरित करती है. उन्होंने कहा कि यह बहुत कम लागत पर बेहतर लेनदेन को सुनिश्चित करेगी.

ये भी पढ़ें– आपके पास भी HDFC क्रेडिट कार्ड तो ये खबर आपके लिए, 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये नियम

बता दें कि आरबीआई की केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) खुदरा डिजिटल रुपये के लिए पायलट परियोजना 1 दिसंबर से मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू हुई है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इसमें भाग लेने वाले शुरुआती 4 बैंकों में से एक है. खुदरा डिजिटल रुपया परियोजना यूजर्स के एक सीमित समूह में शुरू हुई है जिसमें 4 बैंकों – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ-साथ ग्राहकों और व्यापारियों की भागीदारी है.

ये भी पढ़ें– Business idea: सर्दियों के सीजन में शुरू करें ड्राई फ्रूट्स का बिजनेस, इम्यूनिटी के साथ बढ़ाएगी आपकी कमाई

SBI के चेयरमैन ने क्या कहा?

एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि आरबीआई की CBDC पायलट परियोजना गेमचेंजर साबित होगी. टिकाऊ प्रभाव के साथ इससे काफी कम लागत पर मौद्रिक नीति का बेहतर तरीके से लाभ मिलना सुनिश्चित होना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि यह चलन में जारी मुद्रा व्यवस्था को सहयोग देगा और कुल मिलाकर मुद्रा ढांचे को पूरा करेगा. डिजिटल रुपये के उपयोग से फिजिकल करेंसी के प्रबंधन में आने वाली लागत में भी कमी आने की उम्मीद है.

UPI से मुकाबला नहीं, तालमेल बिठाकर करेगा काम

ये भी पढ़ें– RBL Bank LazyPay Credit Card: हर ट्रांजैक्शन पर पाएं 1% कैशबैक, लाइफटाइम फ्री है कार्ड

विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल रुपये का यूपीआई के साथ मुकाबला करने के बजाय इसके साथ तालमेल बिठाकर काम करने की संभावना है. अभी तक डिजिटल रुपया UPI जितना सुविधाजनक नहीं है क्योंकि इसे केवल क्लोज्ड-यूजर ग्रुप (CUG) में चुनिंदा यूजर्स के लिए खोला गया है. यूपीआई में एक बैंक से दूसरे बैंक के बीच पैसों का हस्तांतरण होता है, इसलिए बैंकों को यह पता रहता है कि आप किसे और कितना भुगतान कर रहे हैं, जबकि डिजिटल रुपया नकद की तरह है और इसलिए यह कोई ऑडिट डिटेल नहीं छोड़ेगा.

प्रचलन में लाने के लिए बनाना होगा UPI जैसा तंत्र

ये भी पढ़ें– यूपी-एमपी वालों के लिए खुशखबरी…बंद पड़ी ये 3 ट्रेनें फिर दौड़ेंगी पटरी पर, जानिए किन शहरों से होकर गुजरेंगी

डिजिटल रुपये को प्रचलन में लाने के लिए विशेषज्ञों का मानना ​​है कि CBDC को व्यापक रूप से अपनाया जाए. इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को UPI जैसा एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना होगा. जिस तरह यूपीआई ऐप पर कई तरह के कैशबैक ऑफ़र आदि दिए जाते हैं, वो यूजर्स के लिए एक बड़ा आकर्षण हैं. अभी डिजिटल रुपये को की मेनस्ट्रीम के अपनाने की उम्मीद करना जल्दबाजी होगी. ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ाने के लिए विवादों को सुलझाने और रिफंड प्रोसेस को भी मजबूत करने की जरूरत है.

डिजिटल रुपया कितना सुरक्षित है?

आरबीआई का कहना है कि पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि इसमें ग्राहक को नकदी की तरह गारंटी मिलती है. आगे इसकी सुविधाओं में विस्तार करके टोकनाइजेशन, स्ट्रॉन्ग ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक्स आदि के जरिए डेटा इंटरसेप्शन और फ्रॉड के जोखिम को कम कर सकते हैं. डिजिटल मुद्रा आम आदमी को एक सरल, सुरक्षित और मजबूत भुगतान प्रणाली के साथ सक्षम बनाने पर केंद्रित है. इसके अलावा बिना बैंक वाले को भी बैंकिंग प्रणाली के भीतर लाया जाता है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि आरबीआई को अभी इसके उपयोग की सीमा आदि को स्पष्ट करने की जरूरत होती है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top