पब्लिक सेक्टर के इंडियन बैंक के लोन आज से महंगे हो गए हैं क्योंकि बैंक ने अपने एमसीएलआर में इजाफा कर दिया है. रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद से बैंक कर्ज पर लगने वाले ब्याज को बढ़ा रहे हैं.
नई दिल्ली. आरबीआई ने बीते 7 दिसंबर को रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ाना शुरू कर चुके हैं. अब पब्लिक सेक्टर के इंडियन बैंक (Indian Bank) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. दरअसल, इंडियन बैंक ने सोमवार को एमसीएलआर में 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है.
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इंडियन बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में कहा कि यह बढ़ोतरी 3 जनवरी से लागू हो गई है. एक साल की अवधि की मानक एमसीएलआर को 8.20 फीसदी से बढ़ाकर 8.30 फीसदी किया जाएगा. एक दिन की एमसीएलआर दर को भी 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.75 फीसदी किया जाएगा जबकि एक महीने से लेकर छह महीने की अवधि के लोन पर एमसीएलआर दर को 0.20 फीसदी बढ़ाया जाएगा.
बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.
रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई कम करने के इरादे से 7 दिसंबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.35 फीसदी की एक और बढ़ोतरी कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया था. आरबीआई ने मई के बाद लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. इस दौरान रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंच चुका है.