भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, जातिगत आरक्षण की पुन: समीक्षा और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर रविवार को भेल जंबूरी मैदान पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने अपना दम दिखाया। महासम्मेलन में रविवार दोपहर तक तीन लाख से अधिक लोग जुट चुके हैं। करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने चेतावनी दी कि सरकार जातिगत आरक्षण समाप्त करें वरना हम चुनावी राजनीति से परहेज नहीं करेंगे। हम व्यवस्था सुधार के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सवर्ण और पिछड़ा वर्ग हमारे साथ है। हम मिलकर तख्ता पलट देंगे। करणी सेना, आर्थिक आधार पर आरक्षण, जातिगत आरक्षण की पुन: समीक्षा और ऐट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग के विरोध सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है। जीवन सिंह शेरपुर ने संगठन की मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि सरकार ने शाम चार बजे तक मांगें नहीं मानीं तो विधानसभा का घेराव करने निकलेंगे। हालांकि प्रशासन की अपील पर उन्होंने फिलहाल यह निर्णय स्थगित कर दिया।
उन्होंने शहर की सीमाओं पर बसों को रोकने का सरकार पर लगाया आरोप। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर जंबूरी मैदान व आसपास इलाके का नेटवर्क बंद किया गया। जिससे इंटरनेट मीडिया पर सरकार के खिलाफ कोई आवाज लोगों तक नहीं पहुंचे।
राजस्थान से आए दादा महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि आज ये ऐतिहासिक दिन है। कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली। समझ में उनको आ गया होगा पांच जनवरी और आठ जनवरी का अंतर। आप एकता बनाए रखिए। सरकार झुकेगी। हम माई के लाल सरकार गिरा सकते हैं, तो झुका भी सकते हैं। कुछ लोग सीएम की पुड़िया खा आए। आज हमने उन्हें ताकत दिखा दी। मांग नहीं मांगी तो भूख हड़ताल।
जंबूरी मैदान पर शनिवार शाम से लोगों का जुटना शुरू हो गया था। धीरे-धीरे बढ़कर रात में ही संख्या 50 हजार तक जा पहुंची थी। ऐसे में हजारों लोगों ने कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान नीचे रात बिताई। वहीं, मैदान सुबह 11.30 बजे तक करीब तीन लाख से अधिक लोग जुट चुके हैं। चार पहिया वाहनों, ट्रकों सहित रेल-बस से पहुंचे लोग अपने साथ ठंड के बचाव के साधनों के अलावा राशन भी लेकर आए हैं। महासम्मेलन में प्रदेश के इंदौर, रतलाम, मंदसौर सहित कई जिलों सहित, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे आसपास के राज्यों से लोग पहुंचे हैं और यह सिलसिला जारी है। प्रशासन का कहना है कि एक दिन के प्रदर्शन की अनुमति है। शाम तक प्रदर्शनकारी लौट जाएंगे। वहीं, प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि हम मांगे पूरी होने तक यहीं धरना देंगे। हालांकि, जीवन सिंह शेरपुर ने कहा है कि हम आंदोलन लंबा नहीं खींचेगे।
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करणी सेना के महाआंदोलन की वजह से भेल के आस-पास की सड़कों पर जाम लग गया। भीड़ बढ़ती देख ट्रैफिक पुलिस ने जंबूरी मैदान की ओर जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया।
मोदी तुमसे बैर नहीं, शिवराज तेरी खैर नहीं
इस महाजमावड़े के दौरान भीड़ में यह नारा भी गूंजा कि ‘मोदी तुमसे बैर नहीं, शिवराज तेरी खैर नहीं।’ करणी सेना के लोगों ने कहा कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो आगामी चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।
राशन, सिगड़ी, टेंट लेकर पहुंचे लोग
जंबूरी मैदान में करणी सेना को कार्यक्रम के एक दिन की अनुमति दी गई है, लेकिन शामिल ज्यादातर लोग दो से चार दिन का राशन लेकर आए हैं। इनके पास गैस सिलेंडर से लेकर सिगड़ी है। ट्रकों में जलाऊ लकड़ी है, जिसका उपयोग इन्होंने रात को अलाव जलाने में किया था। कुछ लोगों ने अपने-अपने टेंट लगाएं हैं। रविवार दोपहर एक बजे तक जन आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है। सुबह से पुलिस ने भी इलाके के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
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इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग शनिवार रात से ही पहुंचने लगे थे। वहीं आठ वर्षीय एना बाईसा 400 किलोमीटर रतलाम से पैदल यात्रा करके जंबूरी मैदान पर शनिवार को पहुंचीं।
मांगें नहीं मानीं तो उतरेंगे राजनीति में
करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि हमारी मांगें नहीं मानी तो हम राजनीति में उतरने से भी परहेज नहीं करेंगे। सवर्णों, पिछड़ा वर्ग का साथ भी हमें मिल रहा है। हम व्यवस्था सुधार के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं।
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इससे पूर्व शनिवार को करणी सेना के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत ने बताया कि जनआंदोलन के पहले अचानक क्षत्रिय समागम का आयोजन कर सर्व समाज की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया। आंदोलन में कई समाजों के लोग शामिल हो रहे हैं। हमारे आंदोलन को दबाने के लिए जंबूरी मैदान के आसपास शेड की चादरें लगाई गईं। लोग भोजन का प्रबंध करके आए हैं। वहीं करणी सेना परिवार के योगेंद्र सिंह ने बताया कि दो लाख के करीब राजपूत आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। आंदोलन को रोकने के लिए सरकार तमाम प्रयास किए गए। आयोजन की अनुमति बड़ी मुश्किल से मिली। कई जिलों में बसों के परमिट नहीं दिए जा रहे हैं, इसलिए जिला स्तर पर भी आंदोलन करना पड़ रहा है।
खुफिया विभाग भी नहीं भांप पाया
इस महाआंदोलन में आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे, यह खुफिया विभाग भी आकलन नहीं कर पाया। लोकल इंटेलिजेंस के पास 30 हजार से 40 हजार लोगों के पहुंचने की सूचना थी। इसमें एक गुट ने पहले से ही आठ जनवरी को पहले से ही जंबूरी मैदान में सम्मेलन की अनुमति पुलिस आयुक्त से ले रखी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर राजपूत समाज की महापंचायत हुई। इसमें मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं भी कीं। इस महापंचायत में शामिल हुए दूसरे गुट ने कुछ मांगें पूरी होने और कुछ में मुख्यमंत्री का आश्वासन मिलने के बाद जंबूरी मैदान में सम्मेलन की अनुमति निरस्त करा दी। निरस्त कराने के बाद जब इस गुट को लगा कि दूसरा ग्रुप मानने को तैयार नहीं है और बड़ी संख्या में लोग आठ जनवरी को इकट्ठे होने वाले हैं, जिससे उन्हें बड़ा श्रेय मिल सकता है। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास में महापंचायत कराने वाला गुट भी इस सम्मेलन में मजबूरी में शामिल हुआ और उनके दबाव से फिर से सभा करने की अनुमति पुलिस आयुक्त ने दे दी।
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शहर का सबसे बड़ा मैदान
भेल क्षेत्र में रायसेन रोड स्थित जंबूरी मैदान शहर का सबसे बड़ा मैदान है। 1980 के दशक में इस मैदान पर भारत स्काउट एंड गाइड की जंबूरी हुई थी, तब स्काउट गाइड के लोगों ने मैदान को पूरी तरह व्यवस्थित किया था, तब से इस मैदान का नाम जंबूरी पड़ गया है। भेल कालेज के पास महात्मा गांधी चौराहे से लेकर रायसेन रोड तक यह मैदान फैला हुआ है। यहां होने वाले बड़े आयोजनों में पांच लाख से अधिक लोग तक एकत्र हो चुके हैं।