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अनिल अंबानी को ब्लैक मनी एक्ट के तहत इनकम टैक्स विभाग के भेजे गए नोटिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने उठाए सवाल

IT Department ने अनिल अंबानी को 420 करोड़ रुपए की कथित टैक्स चोरी के मामले में नोटिस भेजा था, रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन पर दो स्विस खातों में जमा 814 करोड़ रुपए पर कर बचाने का आरोप है

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन (Reliance ADAG Chairman) अनिल अंबानी (Anil Ambani) के खिलाफ टैक्स चोरी (tax evasion case) के एक मामले में आयकर विभाग (Income Tax Department) की तरफ से भेजे गए नोटिस पर सोमवार को सवाल खड़ा करते हुए कहा कि काला धन अधिनियम (Black Money Act) के कुछ प्रावधान पिछली तारीख से किस तरह लागू किए जा सकते हैं. न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति एस जी डिगे की खंडपीठ ने अंबानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति यह किस तरह जान सकता है कि सरकार भविष्य में क्या करने वाली है.

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आयकर विभाग ने अनिल अंबानी को 420 करोड़ रुपए की कथित टैक्स चोरी के मामले में नोटिस भेजा था. उन पर दो स्विस खातों में जमा 814 करोड़ रुपए पर कर बचाने का आरोप है. इस नोटिस में अंबानी के खिलाफ काला धन कर आरोपण अधिनियम 2015 की धाराओं के तहत अभियोग चलाने की बात कही गई थी. इनके तहत अधिकतम 10 साल के कारावास का प्रावधान है.

रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन अंबानी ने इस याचिका में आयकर विभाग से भेजे गए कारण-बताओ नोटिस को चुनौती दी है. न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई 20 फरवरी तक के लिए स्थगित करने के साथ ही अंबानी के खिलाफ कोई भी सख्त कदम न उठाने के अपने सितंबर, 2022 के आदेश को आगे के लिए बढ़ा दिया.

आयकर विभाग ने 8 अगस्त, 2022 को अनिल अंबानी को 420 करोड़ रुपए की कथित कर अपवंचना के मामले में नोटिस भेजा था. उन पर दो स्विस खातों में जमा 814 करोड़ रुपए पर कर बचाने का आरोप है. इस नोटिस में अंबानी के खिलाफ काला धन कर आरोपण अधिनियम 2015 की धाराओं 50 एवं 51 के तहत अभियोग चलाने की बात कही गई थी. इन धाराओं के तहत अधिकतम 10 साल के कारावास का प्रावधान है.

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सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पटेल ने कहा, कोई व्यक्ति एक निश्चित तरीके से बर्ताव करता है. फिर सरकार उसे पिछली तारीख से अपराध घोषित कर देती है. यह कहना तो ठीक है कि कोई व्यक्ति अब वह काम नहीं कर सकता है, लेकिन इसे पिछली तारीख से कैसे लागू किया जा सकता है. ( इनपुट भाषा )

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