Budget 2023 Knowledge: आयकरदाताओं के लिए बजट में 3 बेहद जरूरी टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है. Tax Exemption, Deduction और Rebate. इन तीनों का ही मतलब छूट है लेकिन फिर भी इनमें फर्क होता है.
नई दिल्ली. 1 फरवरी को भारत का आम बजट (Budget 2023) पेश किया जाएगा. बजट पेश करते समय वित्त मंत्री द्वारा ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है जिसके बारे में बहुत लोगों को जानकारी नहीं होती है. कई बार कुछ ऐसी भी टर्म्स यूज़ की जाती है जिनका मतलब लगभग एक जैसा ही होता है लेकिन फिर भी उनमें कुछ बुनियादी अंतर होते हैं. बजट से जुड़े ऐसे तीन ऐसे टर्म्स हैं जिनका करदाताओं पर काफी असर होता है, आज हम आपको उनके बारे में बताएंगे,
इन तीनों का मतलब छूट है लेकिन फिर भी इनमें कुछ अंतर होता है. पहला है टैक्स एक्जंप्शन दूसरा टैक्स डिडक्शन तीसरा है टैक्स रिबेट इन तीनों ही शब्दों को लेकर लोगों के मन में काफी कन्फ्यूजन होता है आज हम आपको इन तीनों के मतलब बताएंगे और साथ में यह भी बताएंगे कि इन में क्या फर्क होता है. ताकि आप इस जानकारी का लाभ ‘टैक्स छूट लेने के लिए उठा सकें.
टैक्स एक्जंप्शन (Tax Exemption)
ऐसे बहुत सारे आय के स्रोत है जो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं. आपकी आय अगर इन सोर्सेज से प्राप्त होती है तो आप सीधे-सीधे इसे टैक्स योग्य आय से हटा सकते हैं. इसे टैक्स एग्जंप्शन कहा जाता है. उदाहरण के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) इसी श्रेणी की आय है. कृषि से होने वाली आय भी एग्जंप्ट हो जाती है.
टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction)
जब आप अपने वेतन से एग्जंप्शन वाली आय को हटा देते हैं तो आपके पास ग्रॉस टोटल इनकम आती है. अब इसमें से डिडक्शन के जरिए आप कुछ हद तक टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं. आप चुनिंदा विकल्पों में निवेश करके टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत डिडक्शन की सुविधा दी गई है. इस धारा के तहत डेढ़ लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) व NPS में निवेश करके आप डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
टैक्स रिबेट (Tax Rebate)
जब आप अपनी इनकम में टैक्स एग्जंप्शन और टैक्स डिडक्शन लागू कर देते हैं तो उसके बाद आपके पास टैक्सेबल आय बचती है. यानी इस पर आपको टैक्स देना होता है हालांकि सरकार की ओर से एक सीमा तक टैक्सेबल इनकम पर कुछ छूट दे गई है. इस छूट को टैक्स रिबेट कहा जाता है. यह टैक्सेबल इनकम में से अपने आप घट जाती है. फिलहाल ₹5 लाख तक की टैक्सेबल आय पर ₹50000 का टैक्स रिबेट मिलता है.