सनातन धर्म में भगवान शिव को मानने वाले भक्तों की बड़ी संख्या है. बहुत से लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए सोमवार का व्रत करते हैं ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सोमवार के व्रत में गलतियां करने से बचना चाहिए अन्यथा इस व्रत का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है. आइए जानते हैं सोमवार के व्रत के नियम और किन चीजों से बचना चाहिए.
Monday Fast Rules : सनातन धर्म में भगवान शिव के ऐसे असंख्य भक्त हैं, जो उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन व्रत रखते हैं और उनकी आराधना करते हैं. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है. वैसे तो भगवान शिव एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. इस दिन भगवान शिव को पूजा के दौरान कई चीजें अर्पित की जाती हैं. परंतु कई चीजें ऐसी होती है जिन्हें सोमवार के व्रत में भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इससे भोलेनाथ आपसे रुष्ठ हो सकते हैं. सोमवार के व्रत में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
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इस तरह करें सोमवार का व्रत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर, स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अपने घर या फिर आप के निकट शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती का मन ही मन ध्यान कर विधिवत पूजा कर व्रत कथा जरूर सुनें. सोमवार के व्रत में एक ही समय भोजन करना उचित माना गया है. परंतु एक समय आप फलाहार ले सकते हैं.
भोलेनाथ की पूजा में ना करें ये गलतियां
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान दूध से अभिषेक करने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग ना करें. तांबे के पात्र में दूध डालने से दूध संक्रमित हो जाता है. जिसकी वजह से वह चढ़ाने योग्य नहीं बचता.
भगवान शिव की पूजा के दौरान शिवलिंग पर पंचामृत से स्नान कराने के बाद जल जरूर चढ़ाएं. अंत में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से ही आपके द्वारा किया गया जलाभिषेक पूरा माना जाएगा.
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भगवान शिव की पूजा अर्चना के दौरान भूलकर भी उन्हें रोली या सिंदूर का तिलक ना लगाएं. भोलेनाथ को तिलक लगाने के लिए चंदन का उपयोग करना सर्वोत्तम माना गया है.
जिन जातकों ने भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सोमवार का व्रत रखा है उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के बाद शिवलिंग की कभी भी पूरी परिक्रमा नहीं करना चाहिए. जिस जगह से दूध का बहाव होता है वहां पर जाकर ठहर जाए और वापस आ जाएं.