Magh Purnima 2023 date: इस साल माघ पूर्णिमा कब है? 04 फरवरी को या 05 फरवरी को? माघ पूर्णिमा का स्नान दान मुहूर्त क्या है? इसके बारे में जान लेना जरूरी है क्योंकि ऐसा न हो कि तारीख पर असमंजस की स्थिति होने से स्नान और पूजा का महापुण्य प्राप्त न हो.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास में पूजा पाठ, स्नान, दान से महापुण्य की प्राप्ति होती है. इसमें भी माघ पूर्णिमा अक्षय पुण्य प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है. इस साल माघ पूर्णिमा कब है? 04 फरवरी को या 05 फरवरी को? माघ पूर्णिमा का स्नान दान मुहूर्त क्या है? इसके बारे में जान लेना जरूरी है क्योंकि ऐसा न हो कि तारीख पर असमंजस की स्थिति होने से स्नान और पूजा का महापुण्य प्राप्त न हो. यह मौका वर्ष में केवल एक बार आता है. भगवान विष्णु को भी माघ मास इतना प्रिय है कि वे संगम में स्नान करने वालों पर प्रसन्न रहते हैं.
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माघ पूर्णिमा 2023 सही तारीख
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, स्नान और दान के लिए हमेशा उदयातिथि यानि सूर्योदय की तिथि की मान्यता है. जब भी आपको तारीख को लेकर कोई असमंजस की स्थिति पैदा हो तो पंचांग में उस तिथि का सूर्योदय कब हो रहा है, उसे देखकर तिथि का निर्धारण कर सकते हैं.
अब पंचांग के अनुसार, इस साल माघ पूर्णिमा की तिथि 04 फरवरी शनिवार को रात 09 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ हो रही है और 05 फरवरी रविवार को रात 11 बजकर 58 मिनट पर माघ पूर्णिमा तिथि का समापन हो रहा है. अब उदयातिथि की मान्यता है, ऐसे में माघ पूर्णिमा की तिथि में सूर्योदय 05 फरवरी को सुबह 07:07 बजे होगा. ऐसे में माघ पूर्णिमा 05 फरवरी को होगी, न कि 04 फरवरी को. 04 फरवरी को सूर्योदय के समय चतुर्दशी तिथि रहेगी.
माघ पूर्णिमा 2023 स्नान दान समय
05 फरवरी को माघ पूर्णिमा का स्नान और दान सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा. इस दिन रवि पुष्य योग सुबह 07 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. सुबह स्नान के बाद आप रवि पुष्य योग में पूजा पाठ और दान कर सकते हैं. यह आपके जीवन में उन्नति लाएगा. रवि पुष्य योग धन, संपत्ति में वृद्धि करने वाला और शुभ फल देने वाला होता है. यह योग तब बनता है जब पुष्य नक्षत्र और रविवार दिन का संयोग बने.
चार शुभ योगों में है माघ पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा के दिन रवि पुष्य योग के अलावा आयुष्मान योग, सौभाग्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. माघ पूर्णिमा की स्नान और दान के समय में रवि पुष्य योग के साथ आयुष्मान योग रहेगा. आयुष्मान योग दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक है. यह योग भाग्य को प्रबल करता है, उत्तम सेहत, धन और दीर्घायु बनाता है.
माघ पूर्णिमा की पूजा
माघ पूर्णिमा को स्नान के बाद सूर्य देव को जल दें. उसके बाद भगवान विष्णु, सत्यनारायण भगवान की पूजा करें. सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें. रात के समय में माता लक्ष्मी और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा करें. आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी. सेहत अच्छी रहेगी. सुख समृद्धि आएगी.